यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक बार फिर प्रदेश की सडक़ों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चलाया गया है, जिसकी अंतिम तिथि 8 अक्टूबर निर्धारित की गई है। हालांकि, जिले की सडक़ों की जर्जर हालत यह साफ बयां कर रही है कि इस बार भी मुख्यमंत्री का आदेश धरातल पर अमल होते नहीं दिखाई दे रहा है। सडक़ों की दयनीय स्थिति को देखकर लगता है कि इनकी मरम्मत अगले कुछ महीनों में भी पूरी नहीं हो सकेगी।
सरकार को बने हुए कई सत्र बीत चुके हैं और हर बार प्रदेश की सडक़ों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया जाता है, लेकिन जमीन पर स्थिति वही रहती है। संबंधित विभाग हर बार अभियान की सफलता की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज देते हैं, लेकिन हकीकत में सडक़ों की हालत में कोई सुधार नहीं हो पाता। फर्रुखाबाद जिले की कई प्रमुख सडक़ें, जैसे इटावा-बरेली हाईवे, जो कई किलोमीटर तक खराब है, और ठंडी सडक़, जो कभी शहर के ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का प्रमुख हिस्सा मानी जाती थी, अब जर्जर हालत में है। इन सडक़ों की बदहाली मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना करती प्रतीत होती है। मुख्यमंत्री ने इस अक्टूबर तक प्रदेश की सभी सडक़ों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह अभियान भी पहले की तरह सिर्फ कागजों पर ही सफल साबित होगा।