योगी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136वें दीक्षांत समारोह मे मेधावियों को किया सम्मानित
- प्रयागराज।इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136वें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान के संदर्भ में महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल प्रति में “पंथनिरपेक्षता” और “समाजवाद” जैसे शब्दों का उल्लेख नहीं है। उनका कहना था कि ये शब्द तब जोड़े गए जब देश में संसद भंग थी और न्यायपालिका के अधिकार सीमित किए जा रहे थे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने संविधान में बदलाव किया, वे आज संविधान की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग लोकतंत्र के लिए खतरा बन गए हैं और समाज को उनके कार्यों का मूल्यांकन करना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि समाजवाद के नाम पर परिवारवाद और चाटुकारिता ही दिखाई दे रही है, जबकि असली समाजवाद हाशिए पर चला गया है।इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के छात्रों को महाकुंभ पर शोध करने के लिए प्रेरित किया और छात्र संघ चुनावों की समय सीमा तय करने की आवश्यकता पर बल दिया। समारोह में विभिन्न छात्रों को पदक प्रदान किए गए। खासकर, हिंदी विभाग की मेधावी छात्रा आंचल त्रिपाठी को छह पदक मिले, जबकि इकानामिक्स के हर्ष वर्धन बाजपेई को चार पदक (तीन गोल्ड और एक सिल्वर) दिए गए। बीकाम टॉपर शुभम कुमार यादव को तीन पदक प्राप्त हुए। कवि कुमार विश्वास को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, परास्नातक पाठ्यक्रम में टॉपर रहीं छात्राओं को भी पुरस्कार दिए गए, जिसमें एमए संस्कृत की दीक्षा पांडे, एमएससी रसायन विज्ञान की रिया तिवारी, और विधि की छात्रा नेहा उत्तम शामिल थीं।स्नातक पाठ्यक्रम में भी कई छात्रों को स्वर्ण पदक से नवाजा गया, जिसमें बीए-संस्कृत की आंचल त्रिपाठी और बीएससी की मणि रश्मि शामिल हैं। इस समारोह ने न केवल छात्रों की उपलब्धियों को मान्यता दी, बल्कि संविधान और लोकतंत्र पर महत्वपूर्ण विचारों को भी उजागर किया।