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Thursday, April 24, 2025

संगम घाट पर पहुंचे भूटान नरेश, स्नान के बाद करेंगे पूजन

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प्रयागराज। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (Bhutan King Jigme Khesar Namgyal Wangchuck) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथप्रयागराज महाकुंभ त्रिवेणी संगम तह पर पहुंच गए हैं। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक स्नान के बाद पूजन करेंगे।

भूटान नरेश को बमरौली एयरपोर्ट से विदा करने के बाद मुख्यमंत्री दोबारा हेलिकॉप्टर से अरैल पहुंचेंगे। इसके बाद वह सेक्टर 15 स्थित अखिल भारतीय संत समागम निवास पंडाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद सेक्टर छह स्थित श्री रामभद्राचार्य शिविर में जाएंगे और वहां करीब 15 मिनट रहेंगे। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संगम स्नान का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इनके अलावा 10 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों को भी परखेंगे। इसके अलावा महाकुंभ की तैयारियों को भी देखेंगे। इन कार्यक्रमों के बाद मुख्यमंत्री करीब पांच बजे अरैल से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। इस तरह से मुख्यमंत्री मंगलवार को करीब सात घंटे महाकुंभ नगर में रहेंगे।

वैष्णव संत करेंगे त्रिजटा स्नान

वैष्णव परंपरा के संत यहां त्रिजटा स्नान तक ठहरेंगे। श्रीकृष्ण मंगल सनातन विचार मंच के डाॅ. विश्वनाथ निगम का कहना है कि माह भर तक स्नान न कर पाने वालों के लिए त्रिजटा स्नान विशेष फलदायी होता है। फाल्गुन मास की तृतीया तिथि पर त्रिजटा स्नान का मुहूर्त माना जाता है। तमाम वैष्णव संत भी इस स्नान के लिए खास तौर से प्रयाग आते हैं। इस वर्ष महाकुंभ होने की वजह से वह यहां रहकर ही त्रिजटा स्नान करेंगे। इसके बाद ही उनकी यहां से रवानगी होगी हालांकि मेले का औपचारिक समापन शिवरात्रि के आखिरी स्नान पर्व के बाद होगा।

नए बने नागाओं को काशी में मिलेगा प्रमाण पत्र

जिन नागाओं की दीक्षा कुंभ नगरी में हुई है, उनको अखाड़ों का प्रमाण पत्र काशी से मिलेगा। इसके साथ ही नए बने महामंडलेश्वर, महंत समेत रमता पंच के सदस्यों को भी मोहर छाप काशी से ही नई बनवानी पड़ेगी।। महाकुंभ के साथ ही उनके पुराने सभी प्रमाण पत्र भी रद हो जाते हैं। अब इनको नए सिरे से बनवाया जाएगा।

कढ़ी-पकौड़ी के बाद धूनी भी कर देंगे ठंडी

निरंजनी अखाड़ा के नागा संन्यासी महेंद्र पुरी के मुताबिक कढ़ी-पकौड़ी के बाद धूनी भी ठंडी कर देंगे। पिछले करीब एक माह से श्रद्धालुओं को आशीष बांट रहे नागा संन्यासी अब यहां से जाने के लिए ट्रक, ट्रैक्टर एवं वाहनों के बंदोबस्त मेंं लगे हैं। उनका कहना है कि अचला सप्तमी तक अधिकांश संन्यासी यहां से चले जाएंगे। अनी अखाड़े के संन्यासी धूना तपस्या पूरी करके के साथ ही त्रिजटा स्नान को यहां ठहरेंगे। इसके बाद वह भी यहां से रवाना हो जाएंगे।

नागा संन्यासी समेटने लगे अपना सामान

सोमवार को तीसरे स्नान के बाद से नागा संन्यासियों ने अपना समान एकत्र करना शुरू कर दिया। निरंजनी, महानिर्वाणी एवं जूना अखाड़े के बाहरी पटरी पर पिछले 22 दिनों से धूनी रमाए नागा संन्यासी अपना सामान समेटने लगे। धूनी के साथ जमीन पर गड़ा चिमटा उखाड़कर उसे कपड़े से बांध लिया। त्रिशूल एवं तलवार भी बक्से में रख ली।

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