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Saturday, December 21, 2024

सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट कर्मी हटने से बढ़ीं दिक्कतें, कर्मचारी भर्ती भी जरूरी

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यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। हाल ही में सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट कर्मियों की संख्या में कमी आने के कारण प्रशासनिक कार्यों में कई दिक्कतें सामने आ रही हैं। इन दफ्तरों में काम करने वाले कर्मियों की भारी कमी के चलते जनता को सेवाओं में विलंब का सामना करना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले के कई विभागों में पहले से ही कर्मचारी कम थे, और अब प्राइवेट कर्मियों के हटने से यह समस्या और भी बढ़ गई है। नगर निगम, बिजली विभाग, शिक्षा विभाग, और स्वास्थ्य विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों में प्राइवेट कर्मियों की कमी के चलते दैनिक कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जिले में सरकारी दफ्तरों में 40त्न पद खाली हैं। नगर निगम में 150 पदों में से 60 पद खाली हैं, बिजली विभाग में 200 में से 80 पद खाली हैं, शिक्षा विभाग में 300 में से 120 पद खाली हैं और स्वास्थ्य विभाग में 250 में से 100 पद खाली हैं।
इस कमी का असर सीधे जनता पर पड़ रहा है। कई सरकारी सेवाएं जैसे जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, बिजली कनेक्शन, और स्वास्थ्य सेवाएं समय पर नहीं मिल पा रही हैं। नागरिकों को सरकारी दफ्तरों में कई-कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और उनके कामों में काफी देरी हो रही है। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि इस समस्या का समाधान करने के लिए तुरंत भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि सभी खाली पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए ताकि सरकारी दफ्तरों में सेवाओं का सुचारू संचालन हो सके।
नगर पालिका के अधिकारी ने बताया, हमारे पास कर्मचारियों की भारी कमी है। प्राइवेट कर्मियों के हटने से यह समस्या और बढ़ गई है। अगर जल्द ही भर्ती नहीं की गई तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कर्मचारियों की कमी के चलते बिजली कनेक्शन देने में देरी हो रही है। इससे जनता को परेशानी हो रही है। हमें जल्द से जल्द नए कर्मचारियों की जरूरत है।
शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी इस समस्या की गंभीरता पर जोर देते हुए सरकार से तत्काल भर्ती की मांग की है। सरकार द्वारा अगर इस समस्या पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह स्थिति और भी विकराल रूप ले सकती है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में और अधिक बाधाएं आएंगी और जनता को और भी अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

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