यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। दीपावली जैसे प्रमुख त्योहारों के आगमन के साथ ही स्थानीय बाजारों की रौनक पर ऑनलाइन खरीदारी के बढ़ते चलन ने गंभीर प्रश्न खड़ा कर दिया है। पिछले कुछ वर्षों से त्योहारों के दौरान बाजारों में होने वाली चहल-पहल में उल्लेखनीय कमी आई है, और इस बार भी दीपावली के मात्र एक सप्ताह पहले बाजारों की स्थिति निराशाजनक नजर आ रही है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि ऑनलाइन खरीदारी ने उनके व्यवसाय को प्रभावित किया है, जिससे उनकी आय में कमी आई है।
स्थानीय व्यापारी इस बात से चिंतित हैं कि दीपावली जैसे बड़े त्योहारों पर, जब बाजारों में भीड़भाड़ होती थी, अब वह दृश्य समाप्त होता जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि पहले की तुलना में ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। दुकानों के मालिकों का कहना है कि ऑनलाइन प्लेटफार्मों की सुविधा के चलते उपभोक्ता अब बाजारों में जाने से कतराने लगे हैं।
इस स्थिति को देखते हुए व्यापारिक संगठन जैसे व्यापार मंडल और उद्योग मंच ने स्थानीय उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे ऑनलाइन खरीदारी से बचें और स्थानीय व्यापार को प्राथमिकता दें। संगठनों का मानना है कि उपभोक्ताओं का स्थानीय बाजार में खरीदारी करना न केवल शहर की अर्थव्यवस्था को संचालित करता है, बल्कि इससे टैक्स की भी आय होती है, जो राज्य और जिले में विभिन्न विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल होती है।
व्यापार मंडल के निवर्तमान संयुक्त महामंत्री प्रमोद गुप्ता ने कहा, ऑनलाइन खरीदारी से न केवल स्थानीय दुकानदारों को नुकसान होता है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी अच्छे उत्पाद नहीं मिलते। त्योहार की रौनक भी इस वजह से कम होती जा रही है। इसलिए, हम सभी से अपील करते हैं कि वे जितना संभव हो, ऑनलाइन खरीदारी से बचें और स्थानीय व्यापार का समर्थन करें।
संगठनों का कहना है कि ऑनलाइन खरीदारी से टैक्स में कमी आई है, जो शहर की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही है। व्यापारियों का मानना है कि स्थानीय दुकानों से की गई खरीदारी से उत्पन्न होने वाला टैक्स विभिन्न सुविधाओं के संचालन में मदद करता है। इस बार, ऑनलाइन खरीदारी के चलते आर्थिक प्रणाली में संतुलन बिगडऩे का खतरा है।
व्यापारिक संगठन इस स्थिति को सुधारने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बना रहे हैं। वे त्योहारों के अवसर पर स्थानीय बाजारों में विशेष डिस्काउंट और ऑफर देने की सोच रहे हैं, ताकि उपभोक्ताओं को बाजारों की ओर आकर्षित किया जा सके। संगठन स्थानीय दुकानदारों को एकजुट करने के लिए भी काम कर रहे हैं, ताकि वे मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान निकाल सकें।