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Wednesday, June 18, 2025

उत्तर प्रदेश में महाकुंभ मेला के लिए नया जिला घोषित, अब 76 जिले होंगे

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब 75 की बजाय 76 जिले हो गए हैं। योगी सरकार ने प्रयागराज जिले के संगम और आसपास के क्षेत्र को महाकुंभ (Maha Kumbh) मेला के आयोजन के मद्देनजर नया जिला घोषित किया है। इस क्षेत्र को महाकुंभ मेला जिला नाम दिया गया है। यह कदम महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के लिए उठाया गया है, ताकि मेला क्षेत्र की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

महाकुंभ मेला जिला बनाने के लिए शासन ने 25 नवंबर को आदेश भेजा था, और अब प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने रविवार को इस नए जिले की अधिसूचना जारी कर दी है। इस जिले में संपूर्ण परेड क्षेत्र के साथ ही संगम के आसपास की चार तहसीलों के 67 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है। इससे मेला क्षेत्र का प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा और मेले के आयोजन में कोई व्यवधान नहीं आएगा।

महाकुंभ मेला क्षेत्र को नया जिला घोषित करने के बाद यूपी में पांच जिलों वाला प्रयागराज मंडल अब छह जिलों का हो गया है। इस नए जिले के निर्माण से न केवल प्रशासनिक कार्यों में आसानी होगी, बल्कि महाकुंभ मेला आयोजन के लिए विशेष अधिकार भी मिलेंगे। जिलाधिकारी ने यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है, जिससे मेला आयोजन के लिए तैयारियां तेज़ी से शुरू हो सकेंगी।

महाकुंभ मेला क्षेत्र में शामिल किए गए गांवों में कुरेशीपुर, कीडगंज, बराही पट्टी, बम्हन पट्टी और मुस्तफाबा जैसे कई प्रमुख गांव शामिल हैं। इन गांवों को महाकुंभ मेला जिले के अंतर्गत प्रशासनिक नियंत्रण में लाया जाएगा। प्रशासन द्वारा इन गांवों की सूची और अन्य जरूरी विवरण भी जारी किए गए हैं। इससे महाकुंभ मेला के आयोजन में स्थानीय स्तर पर किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

महाकुंभ मेला के आयोजन के मद्देनजर प्रशासन को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और यूपी राजस्व संहिता 2006 के तहत नए अधिकार प्राप्त होंगे। इसके तहत जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को मेले के आयोजन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलेगी। यह कदम प्रशासनिक क्षमता को बढ़ाने और महाकुंभ मेले के आयोजन को सफल बनाने के लिए उठाया गया है।

इस फैसले के साथ ही प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 के आयोजन की तैयारियों में तेजी आने की उम्मीद है। इससे न केवल प्रशासन की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी, बल्कि श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को भी महाकुंभ मेला के दौरान बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

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