यूथ इंडिया, एजेंसी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NEET UG-2024 का सेंटर-सिटी वाइज रिजल्ट जारी किया, जिसमें कई सवाल खड़े हो गए हैं। राजस्थान के सीकर, गुजरात के राजकोट और बिहार के पटना जैसे शहरों के कुछ केंद्रों पर असामान्य रूप से उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या ने चिंता पैदा की है।
राजस्थान: सीकर का असामान्य रिजल्ट
सीकर में 50 सेंटरों पर 27,000 परीक्षार्थियों में से 149 छात्रों को 700+ और 2,037 को 650+ अंक मिले हैं। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से 575% (करीब 6 गुना) ज्यादा है। सीकर के मंगल चंद डिडवानिया विद्या मंदिर में 4 छात्रों को 700+, 45 को 650+ और 115 को 600+ अंक मिले। अरावली पब्लिक स्कूल में 90 छात्रों को 600+ अंक मिले हैं। यह डेटा कोटा से दोगुना है, जोकि देश के सबसे बड़े कोचिंग हब में से एक है।
गुजरात: राजकोट के एक सेंटर पर 85% पास रेट
राजकोट के एक सेंटर पर 85% छात्र पास हुए हैं। यहां 12 छात्रों को 700+ और 115 को 650+ अंक मिले। कुल 1968 परीक्षार्थियों में से 259 को 600+ अंक मिले। राजकोट की एक छात्रा के अंक 233 से 633 तक बढ़ गए, और एक अन्य के 379 से 460 तक बढ़ गए।
बिहार: पटना के एक सेंटर पर 29 छात्रों को 650+ अंक
पटना के 70 केंद्रों पर 48,643 परीक्षार्थियों में से केवल 24 को 700+ अंक मिले। पटना के एएन कॉलेज सेंटर पर 29 छात्रों को और होली मिशन सेकेंडरी स्कूल के 21 छात्रों को 650+ अंक मिले।
हरियाणा: रोहतक के एक सेंटर पर 45 छात्रों को 600+ अंक
झज्जर के हरदयाल पब्लिक स्कूल के एक भी छात्र को 700+ अंक नहीं मिले। पहले 6 अभ्यर्थियों को 720 में से पूरे 720 अंक मिले थे, जिससे यह सेंटर जांच के घेरे में आ गया था। रि-नीट के बाद किसी को इतने अंक नहीं मिले।
उठते सवाल
- सीकर का असामान्य रिजल्ट: सीकर के छात्रों का परिणाम राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक क्यों है? क्या इसमें कोई असमानता है?
- राजकोट के सेंटर: राजकोट के एक सेंटर पर 85% पास रेट और छात्रों के अंकों में असामान्य वृद्धि क्यों देखी गई?
- पटना और हरियाणा के सेंटर: पटना और हरियाणा के कुछ सेंटरों पर असामान्य रूप से उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या क्यों अधिक है?
संभावित जांच और परिणाम
इन असामान्य परिणामों ने शिक्षा और परीक्षाओं की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। NTA और संबंधित शिक्षा विभागों को इन मामलों की गहन जांच करनी चाहिए और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।