अमेठी। देश की रक्षा के लिए सरहद पर तैनात अमेठी का वीर सपूत मातृभूमि पर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर शहीद हो गया। अमेठी जिले के मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के दादरा गांव निवासी जवान असम के सिलीगुड़ी में तैनात थे, जहां ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हो गई।
शहीद जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो माहौल गमगीन हो गया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। घर के आंगन में पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं, अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शहीद जवान ने 2008 में मराठा रेजिमेंट जॉइन की थी। अपनी बहादुरी और देशभक्ति से उन्होंने सेना में अहम भूमिका निभाई। उनकी तैनाती असम के सिलीगुड़ी में थी, जहां ड्यूटी के दौरान उनका निधन हो गया।
शहीद के अंतिम संस्कार में प्रशासनिक और सैन्य अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। जवान को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सेना के जवानों ने श्रद्धांजलि दी। पूरे सम्मान के साथ राजकीय सलामी दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान “शहीद जवान अमर रहें” और “भारत माता की जय” के नारे गूंज उठे।
शहीद जवान के माता-पिता, पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार ने सरकार से शहीद जवान के परिवार की आर्थिक मदद और स्मारक बनाने की मांग की है।
शहीद जवान की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। गांव से लेकर श्मशान घाट तक तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। पूरे गांव में शोक का माहौल है, लेकिन हर कोई अपने वीर सपूत की शहादत पर गर्व भी कर रहा है।
अमेठी के इस लाल की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।