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Tuesday, June 10, 2025

मंत्री आशीष पटेल की टेढ़ी नजर से हिली पुलिस, चंद घंटों में दबोचे गए हमलावर गुंडे

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कानपुर नगर (बिल्हौर)। योगी सरकार में कानून का राज सिर्फ कागजों पर नहीं, हकीकत में भी दिखता है — इसका ताजा उदाहरण बिल्हौर कोतवाली क्षेत्र के खासपुर गांव में सामने आया, जहां कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल की सख्त कार्यशैली और दबंग नेतृत्व के चलते पुलिस को चंद घंटों में ही गुंडों को गिरफ्तार करना पड़ा।

घटना पूर्व प्रधान अशोक कटियार पर हुए कातिलाना हमले से जुड़ी है, जिसमें हमलावर कई दिन से खुलेआम घूम रहे थे। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में लंबे समय तक लापरवाही दिखाई, जिससे न केवल पीड़ितों में भय व्याप्त था, बल्कि शासन की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा था।

मंत्री ने स्वयं संभाला मोर्चा, गांव पहुंचे लाव-लश्कर के साथ

शनिवार को कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल खुद खासपुर गांव पहुंचे। अपने साथ उन्होंने अफसरों का पूरा अमला और पुलिस प्रशासन को भी सक्रिय किया। गांव में पहुंचते ही उन्होंने साफ संदेश दिया— “उत्तर प्रदेश में कानून से ऊपर कोई नहीं। गुंडई करने वालों की जगह सिर्फ जेल है।”

मंत्री के दौरे और फटकार के बाद पुलिस की नींद टूटी और केवल चंद घंटों में ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

हमले के बाद दबंगों पर मुकदमा दर्ज कराने में भी मंत्री आशीष पटेल की सक्रिय भूमिका रही थी। उनके हस्तक्षेप के बाद ही पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखा था। पूर्व में सिर्फ एनसीआर ही दर्ज हुई थी, इसके बाद कार्रवाई में हीलाहवाली देख मंत्री ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि सरकार की छवि खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

“हम अपने लोगों के सुख-दुख में हमेशा साथ हैं” – आशीष पटेल

गांव में मौजूद कार्यकर्ताओं और पीड़ित परिवारों को संबोधित करते हुए मंत्री ने भावुक शब्दों में कहा: “हम अपने लोगों के हर सुख-दुख में साथ खड़े हैं। कटियार समाज को डराने या दबाने का सपना देखने वाले सुन लें — योगी सरकार में न अपराध बर्दाश्त है और न लापरवाही।”

गांव में मंत्री के दौरे और तत्पर कार्रवाई के बाद कटिहार समाज के साथ-साथ समूचे खासपुर क्षेत्र में राहत और संतोष की लहर है। लोगों ने कहा कि मंत्री आशीष पटेल ने सच में नेतृत्व की मिसाल पेश की है।

मंत्री आशीष पटेल ने यह साबित कर दिया कि जब नेतृत्व मजबूत हो और सरकार की मंशा स्पष्ट हो, तो गुंडों की नहीं, कानून की चलती है। खासपुर की घटना अब एक उदाहरण बन गई है कि न्याय दिलाने के लिए एक टेढ़ी नजर काफी होती है।

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