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Wednesday, January 22, 2025

पीडब्ल्यूडी का वरिष्ठ अधिकारी संतोष श्रीवास्तव माफिया अनुपम दुबे के भाई फरार अपराधी डब्बन दुबे को करा रहा ऐश

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यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। शासन प्रशासन जहां माफियाराज पर सख्ती दिखा रहा वहीं पीडब्ल्यूडी का वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संतोष श्रीवास्तव ही माफिया अनुपम दुबे के फरार भाई को सेंटर दे ऐश करवा रहा। हाल ही श्रीवास्तव को 25,000 रुपये के इनामी बदमाश डब्बन दुबे के साथ नोएडा में ऐश करते हुए देखा गया। यह मामला प्रशासनिक ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है और क्षेत्र में हडक़ंप मचा दिया है।
माफिया अनुपम के भाई अनुराग दुबे डब्बन पर हत्या, लूटपाट, और धमकी देने जैसे गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं। पिछले कुछ महीनों से वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, और उसकी गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत है।
संतोष श्रीवास्तव, जो पीडब्ल्यूडी में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं, का नाम डब्बन दुबे के साथ जुडऩे के बाद विवादों में आ गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीवास्तव को हाल ही में नोएडा में डब्बन दुबे के साथ ऐश करते हुए देखा गया, जिससे प्रशासनिक और कानूनी माहौल में हलचल मच गई है।
पिछले कुछ समय से, पीडब्ल्यूडी विभाग पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने करोड़ों रुपये के भुगतान के माध्यम से माफिया अनुपम दुबे को लाभान्वित किया है। शासन स्तर पर इस मामले की जांच के बावजूद, मामला धीमा पड़ा है और अभी तक उचित कार्रवाई नहीं की गई है।इस संबंध में विधायक सुशील शाक्य विधानसभा में प्रश्न भी उठा चुके हैं,फिर भी पीडब्ल्यूडी विभाग के जूं नहीं रेंगी,और न ही दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही अमल में लाई गई। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद, पुलिस और प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की है,पुलिस ने संतोष श्रीवास्तव और डब्बन दुबे के बीच के संपर्क की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। जांच में यह देखा जा रहा है कि क्या श्रीवास्तव का डब्बन दुबे के साथ संपर्क किसी प्रकार की सांठगांठ या भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
फटकार के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने भी इस मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। यदि श्रीवास्तव की संलिप्तता साबित होती है, तो उनके खिलाफ सेवा से निलंबन और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
पुलिस ने डब्बन दुबे की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाया है। पुलिस टीम ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी शुरू कर दी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए सभी संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
इस मामले ने स्थानीय जनता और राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। नागरिक और नेताओं ने प्रशासनिक ईमानदारी की स्थिति पर सवाल उठाया है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। समाज में इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है, और सरकार से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की उम्मीद की जा रही है।

 

 

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