जीरो टॉलरेंस नीति की हो रही अनदेखी
यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। जिले में माफिया राज और अपराधियों के बढ़ते प्रभाव के चलते शासन गंभीर हो गया है। माफिया अनुपम दुबे और संजीव परिया के गिरोह और उनके गुर्गों की अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण की कमी के कारण उच्च अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं। बीते दो माह में जिले के कई थानों में ताबड़तोड़ तबादलों की सूचना भी सरकार तक पहुंच चुकी है, जिससे भय मुक्त समाज की स्थापना के लिए की गई मेहनत पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है।
जीरो टॉलरेंस नीति का बन रहा मजाक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद, जिले में हो रहे अपराधों पर पर्याप्त कार्रवाई न होने से शासन के भीतर भी नाराजगी का माहौल बन गया है। माफिया अनुपम दुबे और संजीव परिया के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई से कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने अब इस गिरोह से जुड़े लोगों और उनके गुर्गों पर विशेष निगरानी रखनी शुरू कर दी है।
ताबड़तोड़ तबादलों से बढ़ा असंतोष
जिले में लगातार हो रहे थानों के तबादलों से जनता के बीच भी असंतोष फैल गया है। दो माह में हुई तबादलों की रिपोर्ट सरकार तक पहुंच चुकी है, जिसमें बताया गया है कि कई थानों में ताबड़तोड़ तबादले किए गए हैं। इससे न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं, बल्कि अपराधियों को भी और बल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला
अनुपम दुबे और संजीव परिया के गैंग पर ढिलाई बरतने की सूचना सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची है। कहां मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और किसी भी तरह की पक्षपातपूर्ण रवैया न अपनाया जाए।
खुफिया एजेंसियों की रडार पर माफिया के समर्थक
सूत्रों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियां माफिया अनुपम दुबे और संजीव परिया के गैंग के साथ-साथ उनके समर्थकों पर भी नजर बनाए हुए हैं। इन गैंगों के अंदरूनी पक्ष में शामिल होने वाले लोग, जो उन्हें पर्दे के पीछे से समर्थन देते हैं, उनकी गतिविधियों पर बारीकी से निगरानी की जा रही है। जल्द ही इस मामले में बड़े खुलासे हो सकते हैं।
गैंगेस्टर योगेंद्र यादव चन्नु,और माफिया का गुंडा भाई आज भी फरार
कुख्यात गुंडा देवेंद्र यादव जग्गू तो जेल में है,लेकिन उसका गैंगस्टर भाई चन्नु सहित माफिया अनुपम दुबे का भाई इनामिया बदमाद अनुराग दुबे डब्बन आज भी फरार हैं,और बेखौफ होकर अपना गैंग चला रहे हैं,जिन्हे जोन के उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद भी पुलिस पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी,लिखापढ़ी में ढिलाई के चलते गुंडों को कानूनी राहत भी मिलने लगी है,वही मुख्यमंत्री का अभियान भी ठंडा कर दिया गया है।
भय मुक्त समाज के लिए शासन की सख्ती
शासन ने स्पष्ट किया है कि माफियाओं और उनके समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले में कानून-व्यवस्था को सुधारने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की रणनीति बनाई जा रही है। इसका मकसद भय मुक्त समाज की स्थापना करना है, ताकि आम नागरिक अपने अधिकारों और सुरक्षा को लेकर निश्चिंत हो सकें।
शासन की सख्ती से जिले में माफिया राज पर नकेल कसने की उम्मीद बढ़ गई है, लेकिन अब यह देखना होगा कि आगामी समय में पुलिस और प्रशासन किस प्रकार कार्रवाई करता है।