-सीओ स्तर से जांच का मिला आश्वासन, विवेचना अधिकारी बदले जाने की उठी मांग
फर्रुखाबाद। कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के गांव याकूतगंज निवासी युवक सुनील के गायब होने और हत्या की आशंका के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। पच्चीस दिन से लापता युवक की तलाश में पुलिस की निष्क्रियता से आहत परिजनों की आवाज को अब हिंदू रक्षा मंच ने उठाया है। संगठन के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी से मिलकर निष्पक्ष जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
हिंदू रक्षा मंच के जिलाध्यक्ष विपिन अवस्थी के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को शिकायती पत्र सौंपते हुए आरोप लगाया कि पुलिस न सिर्फ लापरवाह है, बल्कि आरोपी को मामूली धाराओं में छोड़ भी चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने सीओ स्तर से जांच और विवेचना अधिकारी को बदलने का आश्वासन दिया है।
युवक सुनील के पिता रमेश चंद्र ने बताया कि उनका बेटा गांव में असलम की कबाड़ की दुकान पर कार्य करता था। कुछ दिन पहले सुनील ने एक कांटा ‘मलिक’ नामक व्यक्ति को बेच दिया था, जिसकी सूचना उसने कांटे के मालिक को भी दे दी। इसी बात से नाराज़ होकर मलिक और असलम का बेटा सोरिस उससे रंजिश रखने लगे।
परिजनों के अनुसार, मारपीट की घटना के कुछ दिन बाद सुनील अचानक गायब हो गया। परिवार ने मलिक और सोरिस पर सुनील की हत्या कर शव को गायब करने का आरोप लगाया है। इसके बावजूद, पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश ने मामले को गंभीरता से न लेते हुए सिर्फ शांति भंग की धारा में चालान कर सोरिस को रिहा कर दिया। उनका कहना है कि इस मामले में तीन आरोपी कोतवाली में मौजूद थे, लेकिन एक को मामूली धारा में छोड़ दिया गया।
डीएम से भेंट करने गए प्रतिनिधिमंडल में सुमन राजपूत, रीतू शुक्ला, डॉ. मनोज चतुर्वेदी, देवेश नारायण अवस्थी, दिवाकर दत्त द्विवेदी एड., शिवम त्रिपाठी एड., शिवेंद्र मिश्रा, उमाशंकर, विनोद राजपूत, अनमोल पाण्डेय, अमित दीक्षित समेत लगभग एक सैकड़ा लोग मौजूद रहे।
इस दौरान डीएम से वार्ता में प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा कि यदि पीड़ित पक्ष को जल्द न्याय नहीं मिला तो जनांदोलन की राह अपनाई जाएगी। डीएम ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि विवेचना में कमी पाई गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।