यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढऩे लगा है जिसके कारण ग्रामीणों के सिर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है। जलस्तर बढऩे से हरे चारे की किल्लत तथा ज्यादा दिन जल भराव से बीमारियां होने का खतरा बन गया है।कई गांव के सम्पर्क मार्गों पर कई फीट ऊंचा पानी चल रहा है। प्रशासन अलर्ट मोड पर दिखाई दे रहा है। जगह-जगह नाव की व्यवस्था व स्वास्थ्य विभाग की टीम बाढ क्षेत्र में दौड़ लगा रहीं है। इसके बावजूद भी समस्याएं बढ़ती नजर आ रही है। आज गंगा नदी में नरौरा बांध से 77233 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे गंगा नदी का जलस्तर में 10 , सेंटीमीटर की बढ़ोतरी होकर 136.70 मीटर पर पहुंच गया जिसके कारण फिर से दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। जिसमें आशा की मड़ैया, राजाराम की मड़ैया, भुड्डन की मड़ैया, तीसराम की मडैया, कंचनपुर नगरिया जवाहर, हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, कंचनपुर जगतपुर सबलपुर आदि दर्जनों गांवों में फिर से खतरा मंडराता नजर आ रहा है। भुड्डन की मड़ैया निवासी ग्रामीणों ने बाढ़ के पानी से बचने के लिए बांस बल्ली से पुल तैयार कर लिया जिससे आवागमन में परेशानी न हो। तथा रामगंगा नदी में आज खो बैराज से 2760 हरेली से 205 रामनगर से 2020 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे रामगंगा नदी का जलस्तर 5 सेंटीमीटर घटकर134.80 मीटर पर पहुंच गया है जिससे गंगा नदी के किनारे बसे ग्रामीणों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है
उप जिला अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि गंगा के जलस्तर पर प्रशासन की नजर है बाढ़ पीडि़तों की मदद की जा रही है।