सीतापुर: कृषि विज्ञान केंद्र कटिया, सीतापुर द्वारा उन्नत ग्राम योजना के अंतर्गत दो दिवसीय कृषक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस भ्रमण में केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान और केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, लखनऊ का दौरा कराया गया। भ्रमण में कमुआ और अमरापुर गांव के कुल 52 किसान शामिल हुए।
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार झा ने मृदा सुधार तकनीकों पर चर्चा करते हुए किसानों को मिट्टी परीक्षण की विधि और उसकी जरूरत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखना खेती की उत्पादकता के लिए बेहद जरूरी है। केंद्र में स्थापित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला और ऊसर भूमि सुधार तकनीक से संबंधित जानकारियां भी किसानों को दी गईं।
केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, लखनऊ के पादप सुरक्षा अधिकारी डॉ. शैलेश कुमार ने किसानों को बीजोपचार के महत्व और जैविक कीटनाशकों के उपयोग पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्राइकोडर्मा नामक जैव कवक फसलों को मिट्टी में पनपने वाली बीमारियों से बचाने में मदद करता है। साथ ही, कृषि में नीम आधारित उत्पादों के प्रयोग पर भी जोर दिया।
केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार सिंह ने एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन तकनीक पर प्रकाश डालते हुए बताया कि फसलों को हानिकारक कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए व्यवहारिक, यांत्रिक, जैविक और रासायनिक उपायों का समुचित प्रयोग करना चाहिए।
भ्रमण में कृषि विज्ञान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. आनंद सिंह और मृदा वैज्ञानिक डॉ. सचिन प्रताप तोमर ने सहभागिता की। उन्होंने किसानों को मृदा परीक्षण, जैविक खेती, कीट प्रबंधन और आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी। इस भ्रमण से किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों के बारे में सीखने का अवसर मिला, जिससे वे अपनी खेती को और अधिक उत्पादक बना सकें।विकास खंड परसेंडी के अमरापुर और बिसवां के कमुआ गांव से आए किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।