यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में अवैध अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए थे ताकि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। एसीएमओ रंजन गौतम द्वारा जिले में ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अवैध अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा था। इसके बावजूद, सीएमओ ऑफिस के बाबू अभिषेक मिश्रा उर्फ अनुराग मिश्रा पर इन अवैध अस्पतालों के संचालकों को बचाने के लिए शराब पार्टी आयोजित करने का आरोप लगा है।
दीपावली के दिन गंगानगर कॉलोनी स्थित अभिषेक मिश्रा के आवास पर एक शराब पार्टी में कुछ अवैध अस्पताल संचालक और अन्य लोग इक_ा हुए थे। पार्टी के दौरान पैसों के लेनदेन को लेकर अभिषेक मिश्रा और एक पूर्व सैनिक सिक्रम सिंह ठाकुर के बीच कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते हिंसक झगड़े में बदल गई। मारपीट के दौरान सिक्रम सिंह के होंठ फट गए और दांत हिल गए, जबकि अभिषेक के करीबी अरविंद रंधावा की नाक पर चोट आई। पूर्व सैनिक ने आरोप लगाया कि पार्टी के दौरान उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया गया।
इसके बाद, विवाद बढ़ते हुए चांदपुर तक पहुंच गया, जहां अभिषेक मिश्रा ने अपने साथियों के साथ एक दलित अस्पताल संचालक के घर जाकर गाली-गलौज और जातिसूचक टिप्पणियां कीं। इस घटनाक्रम के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने वीडियो भी रिकॉर्ड किया। चार घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे ने स्वास्थ्य विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया।
पूर्व सैनिक ने जब घटना की शिकायत करने और मेडिकल परीक्षण कराने की बात कही, तो अभिषेक मिश्रा ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि जिले में कोई डॉक्टर उनका मेडिकल नहीं करेगा।
इस पूरे प्रकरण ने सीएमओ ऑफिस और स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।