यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रूखाबाद। कस्बा अमृतपुर में ब्रिटिश कालीन में चौकी की स्थापना की गई थी जिसका थाना कभी राजेपुर हुआ करता था। जिसके कारण अपराधी डाकू माफिया आम जनता को परेशान करते थे जिसके कारण प्रशासन के द्वारा इस चौकी का निर्माण किया गया था।
जिससे आम जनता को राहत पहुंची थी। समय बिता गया तो चौकी को छोड़ थाना अमृतपुर का निर्माण कर दिया गया। पुलिस चौकी से ताल्लुक टूट गया जो भी चौकी इचार जाता था वह थाने में ही रहता था चौकी की सुध कोई नहीं करता था। जिसके कारण गांव के ही कुछ दबंग माफियाओं के द्वारा चौकी की जमीन पर कब्जा कर मकान बना लिए गए। कहावत कही जाती है कि जब कोई दबंग गरीबों को सताता है तो पुलिस बुलाई जाती है लेकिन यहां उल्टा हो गया जब पुलिस की ही चौकी पर कब्जा हो गया तो पुलिस किसे बुलाए लेकिन फिर गांव के ही निवासी संजीव अग्निहोत्री ने लगातार 5 वर्षों तक की इसके बाद पूर्व में रहे एसपी विकास कुमार जिला अधिकारी संजय सिंह ने संज्ञान लिया। तथा मौके का निरीक्षण किया। जल्द ही चौकी निर्माण करवाने के निर्देश दिए थे लेकिन उसके बाद भी मामला ठंडा पड़ गया फिर थाना अमृतपुर का कार्यभार मिनेश पचौरी ने संभाला। तथा क्षेत्राधिकारी रविंद्र नाथ राय के साथ गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से मीटिंग की और निर्माण कार्य तथा चौकी का जीणोद्धार शुरू कर दिया। लेकिन अभी तक पुलिस उसे जमीन से कब्जा नहीं हटवा पाई है। फिलहाल पुलिस के द्वारा चौकी के कमरों की मरम्मत तथा जगह की बाउंड्री बाल कराई जा रही है जो मकान अवैध रूप से बनाए गए थे वह अभी भी मौके पर मौजूद हैं देखने वाली बात क्या होगी कि पुलिस प्रशासन व राजस्व प्रशासन कब चौकी की जमीन को पूर्ण तरीके से कब्जा मुक्त करवा पाता है।