लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को राज्य की योगी सरकार पर अधिकारियों के तबादले और तैनाती में भेदभाव करने का आरोप लगाया। सपा प्रमुख ने कहा कि आगरा में, पुलिस थानों में कुल 48 एसएचओ (थानेदार) तैनात हैं, जिनमें पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) 15 हैं, बाकी सब सिंह भाई लोग (राजपूत समुदाय के लोग) हैं।
वहीं, मैनपुरी में कुल 15 थानाध्यक्षों में पीडीए तीन और सिंह भाई लोग 10 हैं। इसी तरह, चित्रकूट में कुल 10 थानेदारों में पीडीए के दो और सिंह भाई लोग पांच हैं। महोबा में 11 थानाध्यक्षों में, पीडीए के तीन और सिंह भाई लोग छह हैं।
बांटों और राज करो की नीति
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर बांटों और राज करो की नीति का अनुसरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी कभी धर्म के नाम पर तो कभी जाति के नाम पर बांटने का काम करती रही है। पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने दावा किया, दंगा कराने के पीछे किसी का हाथ होता है तो वह बीजेपी के लोगों का ही होता है।
बीजेपी ने मांस फिंकवाया
उन्होंने कन्नौज की एक घटना का एक उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपाइयों ने एक गरीब व्यक्ति को पकड़ा और उसे पैसों का लालच देकर जानवर का मांस एक मंदिर में फेंकने को कहा। वह व्यक्ति घबरा गया और उसने कहा कि यह काम नहीं कर सकता। फिर बीजेपी के नेता उसके साथ गए और उससे मांस फिंकवाया, जिसके बाद वहां एक बड़ा दंगा हुआ।
बीजेपी के 17 नेता जेल गए
अखिलेश यादव ने कहा कि जब हमने जांच कराई तो मामले में बीजेपी के 17 नेता रासुका के तहत जेल गए। जहां भी इस तरह की घटना होती है, बीजेपी के लोग ही लिप्त पाए जाते हैं। प्रदेश के मंत्री नंद गोपाल नंदी के बयानों को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी भाषा तो मेरे प्रति इतनी खराब है कि वह कितनी भी डुबकी गंगा में लगा लें, उनके पाप नहीं धुलने वाले। उन्होंने सबसे ज्यादा डुबकी लगाई होगी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मेयर अभिलाषा गुप्ता हमारी पार्टी में शामिल होना चाहती थीं। मैंने ही मना किया था कि वह पार्टी में ना आएं।