यूथ इण्डिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रूखाबाद। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अविनेंद्र कुमार से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया। पीडि़त का आरोप है कि ष्टरूह्र ने न केवल जवाब देने से इनकार किया, बल्कि फोन पर धमकी देकर जेल भिजवाने की चेतावनी दी।
पीडि़त ने बताया कि उसने सीएमओ कार्यालय में चालू वाहनों की सूची और उनके ईंधन खर्च की जानकारी आरटीआई के तहत मांगी थी। वाहन संख्या यूपी 32 बीजी 8596, यूपी 32 ईजी 5914, यूपी 32 ईजी 2661 के अगस्त 2022 से दिसंबर 2024 तक आवंटन और पेट्रोल-डीजल खर्च का ब्योरा मांगा गया था।
इसके बाद सीएमओ डॉ. अविनेंद्र कुमार ने फोन कर उसे धमकी दी और कहा कि किससे पूछकर यह दुस्साहस किया? तुम्हें जेल भिजवा दूंगा! सीएमओ की धमकी से परेशान पीडि़त ने तुरंत इसका ऑडियो वायरल कर दिया और प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश को प्रार्थना पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पीडि़त का कहना है कि यदि जिले के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी आरटीआई का जवाब देने की बजाय धमकी देने लगें, तो विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी है। आरटीआई कानून के तहत कोई भी नागरिक सरकारी विभागों से सूचना मांगने का हकदार है और यदि किसी अधिकारी द्वारा धमकी दी जाती है, तो यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कथित धमकी पर प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है, यह देखना अहम होगा।
सीएमओ से जनसूचना मांगना पड़ा भारी, पीडि़त को मिली धमकी
