यूथ इंडिया (प्रशांत कटियार )
फर्रुखाबाद। लगभग 52 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद फर्रुखाबाद विकास प्राधिकरण की स्थापना की उम्मीदें एक बार फिर जाग उठी हैं। जिले के विकास को गति देने के उद्देश्य से चार गांवों को नगर पालिका क्षेत्र से हटाकर नया प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। यह प्राधिकरण फर्रुखाबाद जिले के विकास में अहम भूमिका निभाने वाला एक महत्त्वपूर्ण कदम होगा।
विकास प्राधिकरण की स्थापना की चर्चा सबसे पहले 1972 में हुई थी। तबसे अब तक यह योजना कई बार चर्चा में आई, लेकिन इसे अमलीजामा पहनाने में सफलता नहीं मिल पाई। 1981 में एक बार फिर इसे लेकर कोशिशें तेज हुईं, मगर उस समय भी इसे अंतिम मंजूरी नहीं मिल सकी। अब 52 वर्षों बाद, नई आशाओं के साथ इस प्राधिकरण के गठन की पहल एक बार फिर शुरू हुई है।
इस बार के प्रस्ताव में नगर पालिका क्षेत्र में शामिल चार गांवों को बाहर कर दिया गया है, जो पहले योजना में शामिल थे। इन गांवों को हटाने के बाद नया प्रस्ताव तैयार किया गया और उसे शासन को पुन: भेजा गया है। शासन स्तर पर इस प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार इसे मंजूरी मिल जाएगी। नगर विकास मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रस्ताव में शहरी विकास के सभी आवश्यक पहलुओं को शामिल किया गया है और शासन से जल्द ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की संभावना है। नए प्रस्ताव के तहत नगर पालिका क्षेत्र के बाहर 126 गांवों को शामिल किया गया है, जिनमें विकास के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स चलाए जाएंगे। ये गांव 23 अमृतपुर तहसील के अंतर्गत आते हैं। जो नगर पालिका के विकास कार्यों से प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगी। इन गांवों के विकास से पूरे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के सुधार, यातायात व्यवस्था, बिजली और पानी की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।
इस प्राधिकरण के गठन से जिले के प्रमुख गांव 126 गांवों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, अमृतपुर तहसील के कुछ महत्वपूर्ण गांव जैसे टिकुरिया, घासीपुर पट्टी, नवेली, हरचन्दपुर, मोहमदपुर और खुर्रा पट्टी को भी विकास योजना के तहत विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस प्राधिकरण के गठन के बाद जिले के समग्र विकास के साथ ही स्थानीय रोजगार, परिवहन और आर्थिक गतिविधियों में भी भारी उछाल की संभावना है। अब सभी की निगाहें शासन की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, जो इस प्रस्ताव के मंजूरी मिलने के बाद जिले के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
52 वर्षों बाद फिर जगी फर्रुखाबाद विकास प्राधिकरण की आस, शासन को भेजी गई नई रिपोर्ट
