– कहा- आपको ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे
नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को ले कर सरकार की दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की है, जो कि राज्य प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान, अदालत ने सरकार की निष्क्रियता और प्रदर्शन पर गहरी चिंता व्यक्त की। अदालत ने स्पष्ट किया कि सरकार को उसके कर्तव्यों के प्रति लापरवाही के लिए आसानी से छोड़ा नहीं जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज की समीक्षा करते हुए पाया कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर उचित ध्यान नहीं दिया गया है। अदालत ने विशेष रूप से राज्य की प्रशासनिक क्षमताओं, कानून व्यवस्था, और नागरिक सेवाओं में सुधार की आवश्यकता की ओर इशारा किया। इसके साथ ही, अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से अपेक्षा की कि वह अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाए और मौजूदा समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करे।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के प्रदर्शन को ‘असंतोषजनक’ बताते हुए कहा कि राज्य की प्रशासनिक विफलताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार को सख्त जवाबदेही का सामना करना पड़ेगा और इस मामले में अदालत की निगरानी जारी रहेगी। अदालत ने सरकार को यह चेतावनी दी कि अगर सुधार नहीं किए गए तो उसे कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, अदालत ने सरकार को एक ठोस योजना तैयार करने की सलाह दी है, जिससे राज्य की प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार हो सके और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
इस फटकार ने राज्य प्रशासन के अंदर एक हलचल मचा दी है और उम्मीद की जा रही है कि इससे प्रदेश की शासन व्यवस्था में सुधार होगा। सुप्रीम कोर्ट की यह कार्रवाई राज्य सरकार के लिए एक एक महत्वपूर्ण चेतावनी है, जो साबित करती है कि न्यायपालिका अपने दायित्वों के प्रति गंभीर है और कोई भी सरकार बिना जवाबदेही के नहीं रह सकती।