यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रुखाबाद। गंगा नदी का जलस्तर इस समय चेतावनी बिंदु को ऊपर चल रहा है। जिसके कारण बाढ़ का खतरा व ग्रामीणों के सिर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है। लगभग 15 दिन से बाढ़ के पानी के कारण फसले जानवरों का हरा चारा नष्ट हो गया है। बीमारियां बढऩे का खतरा बन गया है दर्जनों गांवों के सम्पर्क मार्गों पर कई फीट ऊंचा पानी चल रहा है। प्रशासन अलर्ट मोड पर दिखाई दे रहा है।अपर जिला अधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति तहसीलदार कर्मवीर सिंह बाढ की बन रही स्थिति को देखते हुए कनकापुर, कुबेरपुर, कुतलूपुर, कुसमापुर, पट्टी बदनपुर, मंझा की मडैय़ा का निरीक्षण किया। तथा अपर जिला अधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया है कि जगह-जगह नाव की व्यवस्था व स्वास्थ्य विभाग की टीम बाढ क्षेत्र में दौड़ लगा रहीं है। प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। आज नरौरा बांध से गंगा नदी में 105417 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे गंगा नदी का जलस्तर 136.95 मीटर पर पहुंच गया। रामगंगा नदी में आज खो बैराज से 2276 हरेली बांध से 165 रामनगर बांध से 2020 कुल 4461 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे रामगंगा नदी का जलस्तर 135.40 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा नदी में उफान के कारण फिर से दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। जिसमें आशा की मड़ैया,राजाराम की मड़ैया,भुड्डन की मड़ैया,तीसराम की मडैया, कंचनपुर नगरिया जवाहर,हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, कंचनपुर जगतपुर सबलपुर,मंझा करनपुर घाट फखरपुर, रामप्रसाद नगला आदि दर्जनों गांवों में फिर से खतरा मंडराता नजर आ रहा है। चित्रकूट डिप पर पानी अधिक होने के कारण प्रशासन ने यूथ इंडिया की खबर का संज्ञान लेते हुए। थाना अध्यक्ष योगेंद्र सिंह सोलंकी ने बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक दिया। जिसके कारण अब राहगीर निविया चौराहे के पास से कुइयां होते हुए राजेपुर आ रहे हैं।
उप जिला अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ क्षेत्र में लगातार निरीक्षण कर स्थिति को देखा जा रहा है।