15.5 C
Lucknow
Wednesday, January 29, 2025

महाकुंभ मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित, प्रयागराज के सभी स्कूल बंद… मौनी अमावस्या को लेकर प्रशासन अलर्ट

Must read

प्रयागराज। यूपी सरकार ने बुधवार को मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान की तैयारियों को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। इस दिन महाकुंभ (Maha Kumbh) में एक दिन में करीब 10 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने कहा है कि महाकुंभ-2025 में पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री पवित्र स्नान कर चुके हैं। सुरक्षा के उपाय अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गए हैं। हर गली-मोहल्ले में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और मेला क्षेत्र पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है।

भीड़ को देखते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित

आपको बता दें कि यह मेला क्षेत्र त्रिवेणी संगम – गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम के किनारे कई हेक्टेयर में फैला हुआ है। मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। प्रयागराज प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से चार पहिया वाहनों का उपयोग करने से बचने और संगम पर वरिष्ठ नागरिकों को ले जाने के लिए केवल दो पहिया वाहनों का उपयोग करने की अपील की है।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदर ने कहा, “स्थानीय निवासियों से अनुरोध है कि वे दुनिया भर से आने वाले तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए दोपहिया वाहनों का उपयोग करें या पैदल चलें।”

हेलीकॉप्टर से फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा करने की योजना

वहीं, राज्य सरकार के अनुसार, अकेले मकर संक्रांति (14 जनवरी) पर 3।5 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों ने अमृत स्नान में भाग लिया। मंगलवार को सुबह 8 बजे तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। राज्य सरकार ने कहा कि उसने बुधवार को सुबह 6।45 बजे हेलीकॉप्टर से फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा करने की भी योजना बनाई है, ताकि “मौनी अमावस्या” के शुभ अवसर को और भव्य बनाया जा सके।

मालूम हो कि अमृत स्नान (जिसे पहले शाही स्नान कहा जाता था) महाकुंभ मेले का सबसे भव्य और पवित्र अनुष्ठान है, जो दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्रियों को त्रिवेणी संगम के तट पर आकर्षित करता है। अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण विभिन्न अखाड़ों के संतों और तपस्वियों का भव्य जुलूस है।

मौनी अमावस्या पर होगा विशेष स्नान

अमृत स्नान की तिथियां सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के ज्योतिषीय संयोजनों के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, जो पवित्र नदियों की आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाने के लिए माना जाता है। मौनी अमावस्या हिंदू कैलेंडर के माघ कृष्ण अमावस्या के दिन पड़ती है। यह सभी विशेष स्नान तिथियों में सबसे शुभ तिथि मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों का पानी ‘अमृत’ में बदल जाता है। मौनी अमावस्या को ‘संतों की अमावस्या’ भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या पर स्नान पारंपरिक रूप से मौन रहकर किया जाता है।

इस बीच, प्रयागराज प्रशासन ने सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, कुंभ मैदान में व्यवस्था बनाए रखने के लिए रणनीतिक बिंदुओं पर पुलिस तैनात की है।

प्रयागराज में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल बंद रहेंगे

भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में सभी बोर्डों के कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 28, 29 और 30 जनवरी को बंद रहेंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी मौनी अमावस्या के अवसर पर अवकाश घोषित किया है।

आपको बता दें कि 12 साल बाद आयोजित हो रहा महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा। इस मेगा इवेंट की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार को इस दौरान 40 से 45 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article