यूथ इंडिया संवाददाता
कन्नौज। कन्नौज में विपक्षी दलों द्वारा नवाब सिंह यादव पर लगाए गए आरोपों के संबंध में एक खोजपरक जांच से खुलासा हुआ है कि नवाब सिंह यादव कभी भी सांसद अखिलेश यादव और उनकी पत्नी श्रीमती डिंपल यादव के प्रतिनिधि नहीं रहे। इसके साथ ही, इस संबंध में कोई आधिकारिक पत्र भी जारी नहीं किया गया है।
विपक्षी दलों ने हाल ही में दावा किया था कि नवाब सिंह यादव को अखिलेश यादव और श्रीमती डिंपल यादव द्वारा आधिकारिक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था और इस संदर्भ में उन्हें विशेष पत्र जारी किया गया था।
यूथ इंडिया टीम ने, पाया कि नवाब सिंह यादव के प्रतिनिधि होने के आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। जांच में सामने आया है कि ऐसे कोई दस्तावेज या आधिकारिक पत्र नहीं मिले हैं जो इस दावे को समर्थन प्रदान कर सकें।
नवाब सिंह यादव ने इस मामले पर पूर्व में प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, मैंने कभी भी अखिलेश यादव और श्रीमती डिंपल यादव के प्रतिनिधि के रूप में काम नहीं किया है। मुझे इस संदर्भ में कोई आधिकारिक पत्र या आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों द्वारा किए गए आरोप राजनीति से प्रेरित और तथ्यहीन हैं। स्पष्ट है ,कि किसी भी सरकारी या पार्टी दस्तावेज़ में नवाब सिंह यादव को प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किए जाने का कोई उल्लेख नहीं है।पूर्व सीएम और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नवाब सिंह यादव के नाम से कोई आधिकारिक पत्र जारी नहीं किया गया है।
नवाब सिंह यादव पर लगाए गए आरोप स्थानीय राजनीति में विवाद उत्पन्न करने के उद्देश्य से किए गए प्रतीत होते हैं।
इस मामले में कई स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों ने सुझाव दिया कि आरोपों को लेकर संजीदगी से जांच की जानी चाहिए, ताकि किसी भी तरह की राजनीति से प्रेरित अफवाहों को समाप्त किया जा सके।
जिला प्रशासन ने भी इस मामले में किसी भी प्रकार की औपचारिक जांच की आवश्यकता से इनकार किया है, यह कहते हुए कि नवाब सिंह यादव के खिलाफ कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं हैं।