“गोल टोपी न लगानी पड़े, इसलिए दिनभर लाल टोपी नहीं उतारते अखिलेश” – सुब्रत पाठक
कन्नौज। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासी हमले तेज हो गए हैं। भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा, “कन्नौज ने आखिरकार अखिलेश को सनातनी बना दिया।”
सुब्रत पाठक ने अखिलेश के 1108 मां पीतांबरा महायज्ञ में संभावित शामिल होने पर कटाक्ष करते हुए कहा,
“पहले अखिलेश कन्नौज में उर्स और इफ्तार में जाते थे, लेकिन अब बिना बुलाए पीतांबरा महायज्ञ में आ रहे हैं।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अखिलेश जहां भी जाएंगे, उन्हें पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नहीं, सिर्फ सनातन ही मिलेगा।”
पूर्व सांसद ने अखिलेश पर कटाक्ष करते हुए कहा, “अखिलेश यादव लाल टोपी इसलिए नहीं उतारते ताकि उन्हें जालीदार गोल टोपी न लगानी पड़े।”
कुंभ मेले को लेकर समाजवादी पार्टी के रुख पर पलटवार करते हुए पाठक ने कहा, “जो लोग हज हाउस पर करोड़ों खर्च कर सकते हैं, उन्हें कुंभ पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं। ये वही लोग हैं, जो वोट बैंक के लिए सनातन पर सवाल खड़े करते हैं, लेकिन हज पर चुप रहते हैं।”
संभल के नेजा मेले को लेकर चल रहे विवाद पर पाठक ने सनसनीखेज बयान दिया, “सोमनाथ मंदिर को लूटने वाले आतंकी गाजी मसूद की याद में नेजा मेला मनाया जाता है। क्या भारत में किसी आतंकी की याद में मेला लगना चाहिए?”
पूर्व सांसद ने अखिलेश यादव के मुस्लिम लीग के रोजा इफ्तार में शामिल होने को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“मुस्लिम लीग वही पार्टी है जिसने भारत का बंटवारा कराया। अखिलेश उसी मुस्लिम लीग के रोजा इफ्तार में गए, जो हिंदुओं को काफिर मानती है।”
“सांसद होता है जिले का प्रथम नागरिक, लेकिन बेतुकी बयानबाजी?”
अपने बयानों के लिए मशहूर सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव को लेकर ‘बेतूका’ शब्द इस्तेमाल कर दिया। इस दौरान उन्होंने यह भी भूल की कि सांसद किसी जिले का प्रथम नागरिक होता है।
सुब्रत पाठक के इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। भाजपा और सपा के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस हो सकती है। अब देखना होगा कि अखिलेश यादव इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।