यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। जिले के नगरीय इलाकों में विकास की धीमी गति और सरकारी योजनाओं के अमल में आ रही रुकावटों के कारण तमाम लोगों को अपनी छत नसीब नहीं हो पा रही है। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) में फंड की कमी और पीएम आवास योजना की तीसरी किस्त न मिलने के कारण यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
डूडा, जो कि जिला नगरीय विकास अभिकरण के नाम से जाना जाता है, फंड की कमी के कारण सफेद हाथी बन चुका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, डूडा के तहत आने वाले विकास कार्यों के लिए आवंटित राशि का सिर्फ 40′ ही खर्च हो पाया है। बाकी का 60त्न फंड विभिन्न कारणों से खर्च नहीं हो पाया, जिसमें प्रशासनिक अड़चनें और फंड की अनुपलब्धता मुख्य कारण हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत तमाम लाभार्थियों को उनकी तीसरी किस्त का इंतजार है। जिले के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 5000 परिवारों को अभी तक तीसरी किस्त नहीं मिली है, जिससे उनके घरों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है।
जिले के नगरीय इलाकों में विकास की रफ्तार बहुत धीमी है। सडक़ें टूटी-फूटी हैं, नालियों की उचित व्यवस्था नहीं है और सार्वजनिक सुविधाओं की कमी है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि सरकार की योजनाएं और विकास कार्य कागजों पर ही सीमित रह गए हैं।
डूडा और जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि फंड की कमी के कारण कई विकास कार्य अधूरे रह गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम आवास योजना की तीसरी किस्त के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है और जल्द ही फंड रिलीज होने की उम्मीद है।
स्थानीय निवासियों ने सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द फंड रिलीज करें और विकास कार्यों को पूरा करें। उनका कहना है कि वे कई वर्षों से विकास की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है।जिले के नागरिक उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही विकास कार्यों में तेजी आएगी और उन्हें भी अपनी छत नसीब होगी।