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Saturday, November 9, 2024

फतेहगढ़ में एसपी आलोक प्रियदर्शी ने मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति की उड़ाई धज्जियां, माफिया अनुपम दुबे को दिया अभयदान

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यूथ इंडिया (शरद कटियार) फर्रुखाबाद। प्रदेश की योगी सरकार द्वारा अपराध और माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जीरो टॉलरेंस नीति को फतेहगढ़ में तैनात एसपी आलोक प्रियदर्शी द्वारा गंभीर रूप से नजरअंदाज किया जा रहा है। माफिया अनुपम दुबे और उसके गिरोह को एसपी द्वारा खुली छूट दिए जाने का आरोप लग रहा है, जिसके कारण फतेहगढ़ में अपराध नियंत्रण प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

माफिया को मिला अभयदान, अपराधियों का बढ़ा मनोबल

सूत्रों के अनुसार, अनुपम दुबे और उसके गैंग के खिलाफ विभिन्न गंभीर मामलों में दर्ज मुकदमों और शिकायतों के बावजूद, एसपी आलोक प्रियदर्शी ने उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है। माफिया के साथियों को संरक्षण देने के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि के एक विशेष सिपाही, सचेंद्र सिंह को जिले की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। सचेंद्र की नियुक्ति के बाद से कई आपराधिक गतिविधियों में तेजी आई है और स्थानीय अपराधियों का मनोबल और अधिक बढ़ गया है।

तीन महीने में मेहनत पर पानी फेरा

फतेहगढ़ में पूर्व एसपी अशोक कुमार मीणा और विकास कुमार ने पिछले कुछ वर्षों में अपराधियों और माफिया समेत भूमाफिया,गुंडा पर नकेल कसने के लिए अभियान के तहत विशेष प्रयास किए थे, जिसके तहत कई बड़े माफियाओं और अपराधियों समेत कुख्यात माफिया अनुपम दुबे और गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई थी। लेकिन एसपी आलोक प्रियदर्शी के आने के बाद, तीन महीने के भीतर ही उनके सभी प्रयास निष्फल हो गए हैं। ट्रांसफर और पोस्टिंग की आड़ में इन अधिकारियों की मेहनत पर पूरी तरह से पानी फिर गया है।

जून से अक्टूबर 2024 के बीच फतेहगढ़ में अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।

यह साफ संकेत है कि अपराधियों को मिल रहे संरक्षण के चलते जिले में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अनुपम दुबे और उसके गैंग की गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले स्थानीय लोगों को भी लगातार धमकियां मिल रही हैं, जिसके चलते लोग सुरक्षा के लिहाज से चुप्पी साधने पर मजबूर हो गए हैं।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस की छवि धूमिल

इस स्थिति के चलते पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। फतेहगढ़ में कानून व्यवस्था की इस बिगड़ती स्थिति से जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना यहां की स्थिति को देखते हुए दूर की बात नजर आ रही है। एडीजी कानपुर आलोक सिंह का गुंडों ,माफियाओं के खिलाफ अभियान ठंडा होने लगा है।

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