यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। डीजीपी के दखल पर थाना नबावगंज में दलित परिवार की जमीन पर खुलेआम कब्जा करने को लेकर एसकेएम इंटर कॉलेज के प्रबंधक अवधेश मिश्रा पर दलित उत्पीडऩ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे से नाराज प्रबंधक ने अपनी पुरानी कार्यशैली के तहत एक फर्जी गोलीकांड का सहारा लेकर जवाबी मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की।
अवधेश मिश्रा ने अपनी साजिश के तहत अपने ही नौकर पर गोली चलवाई और लोहिया अस्पताल में शनिवार रात उसका मेडिकल कराया। इसके बाद उन्होंने एक फर्जी मुकदमे की संरचना की, जिसमें उन्होंने दलित परिवार की मदद कर रहे रालोद के प्रांतीय नेता राजीव रंजन को फंसाने की कोशिश की। अवधेश मिश्रा का यह तरीका कोई नया नहीं है; इससे पहले भी उन्होंने कई लोगों को इस प्रकार फंसाकर जेल भिजवाया है।
थाना नबावगंज पुलिस इस फर्जी गोलीकांड की साजिश से बेहद परेशान है। पुलिस ने अवधेश मिश्रा के खिलाफ दलित उत्पीडऩ की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर रखा है। पुलिस का कहना है कि अवधेश मिश्रा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई निर्दोष लोगों को फंसाने की कोशिश की है।
अवधेश मिश्रा कचहरी से चर्चित और माफिया अनुपम दुबे के खास लोगों में शुमार रहे हैं। उन्होंने पूर्व में भी कई लोगों को इसी प्रकार फंसा कर जेल भिजवाया है। इस घटना ने फर्रुखाबाद के स्थानीय प्रशासन और आम जनता के बीच हडक़ंप मचा दिया है।पुलिस इस फर्जी मुकदमे की साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी है और अवधेश मिश्रा की पुरानी गतिविधियों की भी जांच कर रही है। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए हैं और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
यह घटना फर्रुखाबाद के न्यायिक और प्रशासनिक प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है और लोगों में न्याय की उम्मीद को बनाए रखने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।