यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। दीपावली और धनतेरस के पावन पर्व पर हर साल की तरह बाजार सज चुके हैं, पर इस बार महंगाई की मार ने त्योहार की चमक फीकी कर दी है। बाजारों में दुकानदारों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही हैं, क्योंकि महंगाई की वजह से इस साल ग्राहकों की संख्या में कमी देखी जा रही है। बाजार में चायनीज झालरों, पटाखों और मिठाइयों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे व्यापारियों को ग्राहकों के अभाव का डर सताने लगा है।
जब झालरों के एक विक्रेता से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि इस बार इलेक्ट्रिक झालरों की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। मल्टी कलर झालर 220 रुपये में मिल रही है, जबकि 30 मीटर की फिक्सर झालर की कीमत 250 रुपये है। साइना गुलाब बल्ब की कीमतें भी 120 से 200 रुपये तक पहुँच गई हैं। वहीं, हल्की झालरों की कीमतें 22 रुपये से लेकर 45 रुपये तक हो चुकी हैं, जबकि रंगीन झालरें 750 रुपये से शुरू होकर पाईप लाईट 800 से 1500 रुपये तक बिक रही हैं।
इस बार प्लास्टिक के गेंदा फूल झालर का 5 पीस वाला पैकेट 100 रुपये का बिक रहा है, जबकि कतरी झालर 50 रुपये से लेकर 350 रुपये तक में उपलब्ध हैं। गणेश लक्ष्मी की मूर्तियाँ भी 800 रुपये तक की कीमत में बिक रही हैं, जो पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक है।
मिठाइयों की बात करें तो इस साल मिठाइयों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। साधारण मिठाइयाँ 360 रुपये से लेकर एक हजार रुपये प्रति किलो तक में बिक रही हैं, जबकि काजू, बादाम और पिस्ता जैसी ड्राई फ्रूट वाली मिठाइयाँ 800 रुपये से 1400 रुपये प्रति किलो तक पहुँच चुकी हैं।
दुकानदारों का कहना है कि महंगाई का सीधा असर उनके व्यापार पर पड़ रहा है। एक मिठाई विक्रेता ने बताया, महंगाई की वजह से इस बार मिठाइयों की बिक्री में कमी देखी जा रही है। ग्राहक कीमतें सुनते ही ठिठक जाते हैं और ज्यादातर लोग केवल जरूरत की चीजें ही खरीद रहे हैं।
त्योहार की रौनक बरकरार रखने के लिए दुकानदारों ने कोशिशें तो की हैं, लेकिन महंगाई ने उनकी मेहनत को बेअसर कर दिया है।
धनतेरस की पूर्व स्ंध्या पर सजगये बाजार, मंहगाई की मार
