यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। जिले में माफिया अनुपम दुबे के गुर्गे अनूप सिंह राठौर उर्फ रच्छू ठाकुर का एक और बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें दर्जनों लोगों से प्लॉट देने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई है। इस फर्जीवाड़े का शिकार बने लोगों में एक रिटायर्ड फौजी भी शामिल हैं, जिनसे 40 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई।
ठगी का तरीका और फर्जी प्लॉट देने का वादा
रच्छू ठाकुर ने कई लोगों से प्लॉट देने का वादा कर उनसे मोटी रकम वसूली। उसने सभी पीडि़तों को प्लॉट देने के लिए चेक भी दिए, जो बाद में बाउंस हो गए। इस तरह, उसने दर्जनों लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया। रिटायर्ड फौजी से की गई 40 लाख रुपये की ठगी तो इस फर्जीवाड़े की केवल एक कड़ी है।
सारा पैसा अनुपम दुबे की पैरवी में झोंका
रच्छू ठाकुर ने ठगी से वसूले गए करोड़ों रुपये अपने सरदार विमलेश दुबे के माध्यम से अनुपम दुबे की पैरवी में झोंक दिए। विमलेश दुबे, जो चिबरामऊ का निवासी है, इस पूरे रैकेट में एक अहम कड़ी साबित हुआ है। विमलेश ने अनुपम के लिए सारा पैसा इक_ा किया और उसे ठिकाने लगाने का काम किया।
लेडी डॉन और महिला सदस्य भी शामिल
रच्छू ठाकुर के इस गिरोह में केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि कई महिला सदस्य और लेडी डॉन भी शामिल थीं। ये महिलाएं विभिन्न तरीकों से इस घोटाले में संलिप्त थीं, और उन्होंने भी लोगों को ठगने में मदद की।
करोड़ों के वारे न्यारे
इस घोटाले में केवल एक या दो नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये के वारे न्यारे किए गए हैं। कई पीडि़त अभी भी न्याय की उम्मीद में दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस मामले ने पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। अब तक इस बड़े घोटाले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे पीडि़तों में आक्रोश है।
आंकड़े और विवरण
– कुल ठगी की राशि: करोड़ों रुपये
– रिटायर्ड फौजी से ठगी: 40 लाख रुपये
– फर्जी चेक देकर ठगे गए लोग: दर्जनों
– सारा पैसा: अनुपम दुबे की पैरवी में झोंका गया
– मुख्य आरोपी: अनूप सिंह राठौर उर्फ रच्छू ठाकुर
– सहयोगी: विमलेश दुबे (चिबरामऊ निवासी), लेडी डॉन, और अन्य महिला सदस्य
रच्छू ठाकुर द्वारा किया गया यह घोटाला एक बहुत बड़ा अपराध है, जिसमें आम जनता के मेहनत से कमाए गए पैसे को ठगा गया है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इस मामले में कार्रवाई करता है और पीडि़तों को न्याय दिलाता है।
पीडि़तों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है और इस मामले में जल्द से जल्द सख्त कदम उठाए जाने की मांग की है। पुलिस की जांच और न्यायिक प्रक्रिया की गति पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि इस घोटाले के आरोपी कब तक कानून के शिकंजे में आते हैं।