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Monday, September 16, 2024

गंगा पार की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल नहीं खुला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

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यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सजक बनी हुई है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर गरीब जनता में दवाइयां निशुल्क वितरण करना सरकार का मुख्य उद्देश्य भी रहा है। एक रुपये का पर्चा बनने के बाद 15 दिनों तक मुक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन सेवाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य उप केंद्र आयुष्मण भवन और इन जगहों पर एमबीबीएस डॉक्टर की तैनाती के साथ नर्स व अन्य स्टाफ तैनात किया जाता है। निशुल्क एंबुलेंस सेवा भी नागरिकों को उपलब्ध कराई जाती है। उच्च चिकित्सा एवं जांच के लिए प्रत्येक जिला में जिला चिकित्सालय बनवाए गए और इनमें सुविधाओं को लेकर आधुनिक मशीने लगाई गई। परंतु स्वास्थ्य सेवाएं अभी तक बदहाल बनी हुई है। विकासखंड राजेपुर के अंतर्गत आने वाला ग्राम पिथनापुर का स्वास्थ्य केंद्र इस बात की गवाही दे रहा है। यहां पर तैनात डॉक्टर सुधीर स्टॉप न होने की वजह से अकेले ही ओपीडी संभालते हैं। उन्होंने बताया कि वह स्वास्थ्य ठीक ना होने की वजह से छुट्टी पर हैं। इसलिए स्वास्थ्य केंद्र बंद है। कई बार स्टाफ की मांग की गई फिर भी स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया गया। पिछले दो वर्ष से अकेले डॉक्टर के रहमों करम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। यहां आने वाले दूर-दराज से मरीज केंद्र बंद होने की वजह से वापस लौट जाते हैं। यह क्षेत्र बाढ़ पीडि़त क्षेत्र है। इस समय इलाके में बुखार जुखाम इन्फेक्शन मलेरिया टाइफाइड उल्टी दस्त फोड़े फुंसी आदि जैसी समस्याओं के अंबार लगे हुए हैं। स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के कारण गरीब बीमार लोग दवाइयो से वंचित हो जाते हैं। जिला मुख्यालय को चाहिए कि वह इस तरफ ध्यान दें और बाढ़ पीडि़त क्षेत्र में स्थापित स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती करें। जिससे क्षेत्रीय बीमार गरीब लोगों को समय से इलाज मिल सके।

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