इंदिरापुरम में आयोजित कार्यक्रम में जीडीए की नई प्रणाली की सीएम ने की सराहना
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गुरुवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) की डिजिटल पहल ‘पहल’ (PAHAL) पोर्टल का इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन में विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने पोर्टल की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि यह ई-गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, जो आवंटियों को सुविधा, सरलता और समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है।
‘पहल’ यानी Public Access for Housing and Property Allotment Login एक सिंगल विंडो डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे जीडीए ने हाल ही में शुरू किया है। इसके माध्यम से अब आवंटी घर बैठे संपत्ति से जुड़ी अधिकांश सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि पोर्टल के माध्यम से अब तक 161.22 करोड़ रुपये की राशि देशभर से विभिन्न बैंकों के जरिए प्राप्त हो चुकी है। साथ ही 97 नाम-संशोधन के प्रकरणों में से 83 को मंजूरी दी जा चुकी है।
एक क्लिक में उपलब्ध होंगी ये सुविधाएं:
1-आवंटन पत्र और अदेयता प्रमाण पत्र स्वयं डाउनलोड करने की सुविधा।
2-क्यूआर कोड से ऑनलाइन सत्यापन।
3-करेक्शन प्रिविलेज़: अब आवंटी स्वयं कर सकेंगे अपने रिकॉर्ड में सुधार।
4-किस्तों के लिए स्मार्ट डिजिटल चालान और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा।
5-रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुकिंग, लोन के लिए बंधक अनुमति, नामांतरण अब ऑनलाइन।
6-डिफॉल्ट पर रिमाइंडर और समय पर किस्त की जानकारी मोबाइल पर अलर्ट के माध्यम से।
7-लेखा अनुभाग में रियल टाइम रिकॉर्ड अपडेट, बिना मानवीय हस्तक्षेप।
8-पहली बार बैंकिंग प्रणाली के अनुरूप किस्तों के पुनर्निर्धारण की सुविधा।
पूर्व में जीडीए की संपत्ति प्रबंधन व्यवस्था पूरी तरह मैनुअल थी, जिसमें आवंटियों को आवंटन पत्र, बंधक अनुमति या किस्त भुगतान जैसे कार्यों के लिए महीनों प्राधिकरण के चक्कर काटने पड़ते थे। आवेदन की प्रक्रिया लंबी, त्रुटिपूर्ण और समय लेने वाली थी। ‘पहल’ पोर्टल ने इन सभी समस्याओं का डिजिटल समाधान प्रस्तुत किया है, जिससे अब सभी कार्य पारदर्शी, सरल और समयबद्ध होंगे।
कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के मंत्री श्री सुनील शर्मा, श्री नरेंद्र कुमार कश्यप, जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण, सांसद अतुल गर्ग, महापौर सुनीता दयाल, विधायक संजीव शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि ‘पहल’ पोर्टल के माध्यम से अब तक 1 लाख 40 हजार से अधिक आवंटियों को लाभ मिल चुका है। इस डिजिटल व्यवस्था से जीडीए को 150 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हो चुका है, जो इसके प्रभावी क्रियान्वयन का प्रमाण है।