बदायूं: यूपी की बदायूं पुलिस (badaun police) पर वाह वाही के चक्कर में एक बार फिर से खाकी पर दाग लग गया है। जिला बदायूं की कोर्ट ने पांच लोगों पर फर्जी रूप से एनडीपीएस एक्ट (ndps act) लगाकर गिरफ्तार करने के आरोप में 25 पुलिसवालों (policemen) पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। बिनावर थाना पुलिस और एसओजी टीम में शामिल दो इंस्पेक्टर और चार दारोगा समेत 25 पुलिसकर्मियों ने 28 जुलाई 2024 में पांच लोगों को फर्जी रूप से गिरफ्तार किया। इन पांचो पर एनडीपीएस एक्ट लगाकर दूसरे दिन गिरफ्तारी दिखाई गई। उसका प्रेसनोट जारी कर सोशल मीडिया पर सूचना प्रसारित किया था।
खबरों के मुताबिक, बिनावर थाना इलाके के रहमा गांव के रहने वाले अधिवक्ता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 28 जुलाई 2024 को एसओजी व पुलिस ने गांव कुतुबपुर थारा निवासी मुख्ययार, बिलाल, अशरफ, अजीत और तरनवीर को घरों से उठाया। 30 जुलाई को नशीले पदार्थ सहित गिरफ्तारी दिखाकर प्रेस नोट के साथ उनकी फोटो भी जारी कर दिया था। जबकि FIR 31 जुलाई को दर्ज की।
जेल गए लोगों के वकील ने कोर्ट को CCTV फुटेज दिखा दी। आरोप लगाया कि उन्हें गलत ढंग से पुलिस ने कई दिन हिरासत में रखा। फर्जी तरह से डोडा बरामदगी दिखाई। जिस पर कोर्ट ने अब एक्शन लिया है। कोर्ट के आदेश पर उक्त मामले में तत्कालीन एसएचओ समेत 25 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज और मामले की जांच सीओ स्तर से कराने के आदेश दिए। अब पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बिनावर के तत्कालीन एसओ कांत कुमार शर्मा, उपनिरीक्षक गुड्डू सिंह, शेरपाल सिंह, सुम्मेर सिंह, रामनाथ कन्नौजिया, कांस्टेबल योगेश कुमार, सुमित कुमार, विकास कुमार, शैलेंद्र गंगवार, मोहित कुमार, मनोज, चरन सिंह के अतिरिक्त एसओजी टीम के नीरज मलिक, उपनिरीक्षक धर्वेन्द्र सिंह, कांस्टेबल संजय सिंह, भूपेंद्र कुमार, कुशकांत, सचिन झा, विपिन कुमार, सराफत हुसैन, आजाद कुमार, अरविंद कसाना, मनीश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।