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Monday, June 2, 2025

विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों को समझाए जाएंगे आधुनिक खेती के तरीके: सीएम योगी

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लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ चौधरी चरण सिंह जी की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ने उन्हें नमन किया और लखनऊ में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा, चौधरी साहब ने उत्तर प्रदेश के अंदर भूमि सुधार, ग्रामीण विकास, शासन में शुचिता और पारदर्शिता से संबंधित जो कदम उठाए थे, उसकी गूंज आज भी हमारे गांव और समाज में सुनने और देखने को मिलती है।

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ के लोकभवन में विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत कृषि विभाग, उद्यान विभाग और पशुपालन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव में जाकर योजनाओं की जानकारी देंगे और किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि, यह कई मामले में अहम है। पहली बार वैज्ञानिक गांव में जा रहे हैं। आज से 12 जून तक चलने वाला अभियान विकसित भारत के अभियान की अवधारणा को पूरा करेगा। इस अभियान के तहत किसानों को आधुनिक खेती के तरीके समझाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि, इससे समृद्धि आएगी। 11 साल में पूरे देश में खेती में नवाचार हुआ है। एमएसपी तय हुई है। किसानों को अच्छे बीज मिल रहे हैं। लैब टू लैंड अभियान शुरू हो रहा है। यह देश की तस्वीर बदलेगा। कृषि वैज्ञानिक सम्बंधित क्षेत्र में क्लाइमेटिक जोन का भी आकलन करेंगे।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, पहली बार…’Soil Health Card’ से लेकर ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ तक, यह किसान को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। हमारे अन्नदाता किसानों को MSP का दाम मिलता हुआ दिखाई दिया है। किसानों को तकनीक के साथ जोड़ने का कार्य हुआ है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि की 10 से 11 फीसदी भूमि हमारे पास है, लेकिन इसी कृषि योग्य भूमि में उत्तर प्रदेश का हमारा अन्नदाता किसान देश के लिए 22 से 23 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन करने का काम करता है।

साथ ही आगे कहा, उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा में बढ़ोतरी हुई है। डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश में 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध कराने का कार्य किया है। गत 8 वर्षों में ₹2.85 लाख करोड़ के गन्ना मूल्य का भुगतान अकेले उत्तर प्रदेश के अन्नदाता किसानों को DBT के माध्यम से किया गया है। बंद हो रहीं चीनी मिलों को चलाने का काम किया गया, नई चीनी मिलों की स्थापना भी की गई।

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