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Wednesday, July 16, 2025

एक आसमान टूटा — फिर भी हम साथ हैं

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– “भारत शोक में है — लेकिन” भारत एकजुट है।”
– “हमारी श्रद्धांजलि केवल मौन नहीं, एक वादा हो — कि ऐसा फिर न हो।”

लखनऊ (राजधानी): 12 जून, 2025 की वह सुबह भारत के लिए केवल एक समाचार नहीं थी। वह एक ऐसा क्षण था, जब राष्ट्र की धड़कन ठहर गई। अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान AI 171 कुछ ही क्षणों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 241 अनमोल जिंदगियां बुझ गईं, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग, युवा और एयरलाइन का समर्पित स्टाफ शामिल थे।

आज जब हम इस दुखद क्षण के सामने खड़े हैं, तो सबसे पहले, हम उन सभी परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं, जिन्होंने अपनों को खोया।

हम उनके दुःख में साझेदार हैं, उनके आँसुओं के गवाह हैं और उनके साथ इस घड़ी में पूर्ण एकजुटता के साथ खड़े हैं।

दुख और सवाल साथ-साथ

यह केवल एक तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि एक मानवीय त्रासदी है। हम यह नहीं भूल सकते कि हर विमान में बैठा हर व्यक्ति, किसी घर की उम्मीद, किसी माँ की संतान, किसी बच्चे का पिता या माँ, और किसी राष्ट्र का नागरिक होता है। जब एक विमान गिरता है, तो केवल मशीन नहीं टूटती, परिवार और सपने भी चकनाचूर होते हैं।

एयरलाइन पर भरोसा – जाँच में पारदर्शिता जरूरी

“एयर इंडिया हमारे देश की शान रही है — इसकी उड़ानों में हमने दुनिया को छुआ है।”
हमें यह भी स्वीकारना चाहिए कि ऐसे हादसे हमारे विश्वास को झकझोरते हैं। इसलिए आज की सबसे बड़ी जरूरत है –

– पूरी पारदर्शिता से जांच हो,
– ब्लैक बॉक्स की निष्पक्ष विश्लेषण हो,
– अगर किसी स्तर पर चूक है तो जिम्मेदारी तय हो।

यह न केवल पीड़ितों के लिए न्याय होगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षा का वादा भी। भविष्य के लिए क्या संदेश हो? निश्चित हमें विमानन तकनीक में और अधिक निवेश करना होगा। AI और साइबर सुरक्षा जैसे नए जोखिमों को गंभीरता से लेते हुए गहन प्रशिक्षण और ऑडिट प्रक्रिया अपनानी होगी। पायलट और क्रू मेंबर की शारीरिक व मानसिक फिटनेस, और मशीनों की निगरानी, दोनों को प्राथमिकता देनी होगी।

हम टूटे नहीं हैं — हम साथ हैं

हम इस कठिन समय में केवल सरकार या एयरलाइन से नहीं, एक राष्ट्र से उम्मीद करते हैं। हम अपने वैज्ञानिकों, जाँच एजेंसियों, तकनीकी संस्थानों और प्रशासनिक तंत्र से पूरी पारदर्शिता और तत्परता की अपेक्षा करते हैं। और जब तक अंतिम पीड़ित परिवार को जवाब नहीं मिल जाता — तब तक हमारी पत्रकारिता की आवाज़ रुकेगी नहीं। अंत में… 241 प्राण अब हमारे बीच नहीं हैं — लेकिन वे अब केवल आंकड़े नहीं, हमारी जिम्मेदारी बन गए हैं।

12 जून, 2025 — यह तारीख भारत के इतिहास में दुख के साथ दर्ज हो चुकी है। अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे का शिकार हो गई। इस त्रासदी में 241 लोगों की मौत हो गई।
हम सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं — इस समय केवल आँसू ही नहीं, एकजुटता की ज़रूरत है।

इस हादसे ने एयरलाइंस सुरक्षा, तकनीकी निगरानी और जवाबदेही पर कई सवाल खड़े किए हैं। क्या फ्लैप सेटिंग सही थी? क्या इंजन फेल हुआ? क्या पायलट को पूरी जानकारी थी? इन सभी सवालों के जवाब हमें चाहिए — और पूरे पारदर्शिता के साथ।

एयर इंडिया वर्षों से भारत की शान रही है, लेकिन भरोसे की नींव सत्य और जिम्मेदारी से ही मजबूत होती है। DGCA, AAIB और अन्य एजेंसियों को चाहिए कि जल्द से जल्द ब्लैक बॉक्स की जानकारी सार्वजनिक करें, और अगर कोई चूक हुई हो — तो उस पर कार्यवाही भी हो।

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