कायमगंज (फर्रुखाबाद)। जिले में तंबाकू कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों द्वारा संगठित रूप से करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी का खेल फिर शुरू हुआ है। जानकारी के मुताबिक, हर दिन कई ट्रकों में बिना बिल के तंबाकू का अवैध परिवहन किया जा रहा है, जिससे सरकार को हर महीने करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
जीएसटी विभाग की छापेमारी के बावजूद फिर शुरू हुआ खेल
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जीएसटी की टीम ने सावित्री टुबैको कंपनी सहित कई जगह दो से तीन बार कार्रवाई की थी, जिसमें कर चोरी का खुलासा हुआ था। इसके बावजूद, प्रमुख व्यापारी और ट्रांसपोर्टर अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर जांच को प्रभावित करने में सफल रहे। बताया जा रहा है कि जीएसटी अधिकारियों से सांठगांठ के बाद एक बार फिर यह अवैध व्यापार तेज हो गया है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि कायमगंज के एक बड़े तंबाकू कारोबारी के संरक्षण में पुखराज डांगा नामक व्यापारी इस खेल को अंजाम दे रहा है। डांगा का तंबाकू व्यापार कंपिल तक फैला हुआ है और उसके जरिए तंबाकू से भरे ट्रक सीधे दिल्ली और अन्य राज्यों में भेजे जा रहे हैं।
प्रतिदिन लाखों की जीएसटी चोरी
हर दिन करीब 2 से 5 ट्रक तंबाकू इस गड़बड़झाले का हिस्सा बन रहे हैं। हर ट्रक में करीब 100 बोरी (साडे़ 13 टन) तंबाकू लदी होती है, जिसकी कीमत ₹13.5 लाख होती है। इस पर 28% जीएसटी ₹3,78,000 और 2% मंडी शुल्क ₹27,000 बनता है, यानी कुल ₹4 लाख प्रति ट्रक का कर चोरी हो रहा है।
मुख्य आरोपी पुखराज डांगा , हनी और मुकेश यादव का गठजोड़
पुखराज डांगा, जो कंपिल में बड़ा तंबाकू व्यापारी है, अवैध तंबाकू व्यापार का संचालन कर रहा है।
ट्रांसपोर्टर मुकेश यादव, निवासी अलीगंज (एटा), बिना बिल के तंबाकू बाहर निकालने का मुख्य सरगना है।स्थानीय व्यापारियों की मिलीभगत से इस अवैध कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है।
काले धन को सफेद करने का बड़ा खेल
सूत्रों के मुताबिक, पुखराज डांगा सिर्फ जीएसटी चोरी ही नहीं, बल्कि काले धन को सफेद करने के भी गोरखधंधे में शामिल है। उसने विमलायतन ट्रस्ट और जैन श्वेतांबर तीर्थ ट्रस्ट के माध्यम से करोड़ों रुपये को चंदे के रूप में दिखाकर सफेद करने का तंत्र विकसित किया है।
देश-विदेश से आने वाले चंदे को सफेद धन में बदलने के लिए यह ट्रस्ट इस्तेमाल किए जाते हैं। इसी पैसे का इस्तेमाल जमीन खरीदने और अवैध प्लाटिंग में भी किया जा रहा है।
फर्रुखाबाद और आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग
पुखराज डांगा का सबसे करीबी सहयोगी फर्रुखाबाद के चांदपुर निवासी विपिन दीक्षित है।
विपिन दीक्षित के जरिए फर्रुखाबाद और आसपास के जिलों में जमीन की खरीद-फरोख्त का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया गया है।
अवैध प्लाटिंग कर नियमों को ताक पर रखते हुए सरकारी जमीन पर भी कब्जा किया जा रहा है।
सरकारी नियमों का उल्लंघन कर बिना नक्शा पास कराए कालोनियां बसाई जा रही हैं।
जीएसटी विभाग की एसटीएफ ने कायमगंज के इस नेटवर्क पर नजर रखी हुई है। हाल ही में
एक व्यापारी के पास से कई लाख नगद बरामद हुए थे, जिसकी जानकारी आयकर विभाग को दी गई थी।
अब तक की जांच में जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है।
इस पूरे घोटाले में प्रशासन की निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में है। यदि समय रहते इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो यह राज्य का सबसे बड़ा जीएसटी घोटाला बन सकता है।
श्रीराम छाप और बंदर छाप तंबाकू पर भी ईडी और जीएसटी विभाग की निगाह
कायमगंज से हर महीने 40-50 ट्रक श्रीराम छाप और बंदर छाप तंबाकू बिना उचित टैक्स भुगतान के बाहर भेजे जा रहे हैं। पुड़िया पैकिंग तंबाकू पर 200% टैक्स वाले, श्री राम छाप ब्रांड लखनऊ, बाराबंकी सहित कई जिलों में और बंदर छाप तंबाकू पुड़िया असम, गुवाहाटी जैसे राज्यों में बिक्री होते हैं। व्यापारी सत्य प्रकाश अग्रवाल के इन ब्रांडों पर अब सेंट्रल जीएसटी और ईडी की नजर है।
सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक पहुंच के चलते अब तक जांच नहीं हुई थी, लेकिन इस बार केंद्र सरकार के कड़े निर्देशों के बाद जांच को हरी झंडी मिल गई है। जल्द ही बड़ी कार्यवाही शुरू होनी है।
कायमगंज का तंबाकू कारोबार नोएडा-ग्रेटर नोएडा की आर्थिक चमक से आगे, हर महीने अरबों का खेल
कायमगंज में तंबाकू व्यापार ने आर्थिक रूप से नोएडा और ग्रेटर नोएडा को भी पीछे छोड़ दिया है। यहां से हर महीने सैकड़ों ट्रक निर्मित और अनिर्मित तंबाकू के बाहर भेजे जाते हैं, जिससे अनुमानित 600-800 करोड़ रुपये का अवैध कारोबार होता है।
पैकिंग तंबाकू पर 200% टैक्स और अनिर्मित पर 28 प्रतिशत टैक्स, की जीएसटी चोरी जारी है। तंबाकू व्यवसायियों के इस नेटवर्क पर लंबे समय बाद जिम्मेदारों की नजर प्रमुखता से पड़ी है।