हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजारों (Share Market) में आई गिरावट ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। अक्टूबर 2024 के अंत तक, सेंसेक्स 80,000 के नीचे आ गया है, जो पिछले कुछ महीनों में बाजार (Share Market) की कमजोर स्थिति को दर्शाता है। इस गिरावट के कई प्रमुख कारण हैं, जिनमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा पूंजी निकासी, कमजोर कॉर्पोरेट आय और वैश्विक बाजारों में अस्थिरता शामिल हैं।
विदेशी निवेशकों की निकासी और कमजोर आय रिपोर्ट
इस महीने के दौरान, FII ने भारतीय बाजारों से करीब ₹1 लाख करोड़ का निवेश बाहर निकाला। इसके अलावा, दूसरी तिमाही की कमाई रिपोर्ट भी निराशाजनक रही है, खासकर आईटी, फार्मास्युटिकल्स और वस्त्र उद्योगों में, जहां प्रमुख कंपनियों ने उम्मीदों से कम नतीजे दिए हैं।
तकनीकी विश्लेषण और बाजार की स्थिति
तकनीकी दृष्टिकोण से, बाजार (Share Market) में अनिश्चितता के संकेत मिल रहे हैं। निफ्टी में “डोजी” पैटर्न बन रहा है, जो आमतौर पर दिशा की कमी को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, हालांकि कुछ स्टॉक्स में रिकवरी की संभावना हो सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
विश्लेषक निवेशकों से केवल मजबूत समर्थन स्तर वाले स्टॉक्स में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, अगर बाजार प्रमुख प्रतिरोध स्तरों को पार करता है, तो सुधार की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल बाजार की भावना मंदी की है।
हालांकि, बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, कुछ क्षेत्रों में निवेश के मौके अभी भी हैं। निवेशकों को सतर्क रहकर निर्णय लेने और आर्थिक संकेतों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनानी चाहिए।