मऊदरवाजा, क्षेत्र के नूरपुर गांव में तेंदुए के हमले ने पूरे जिले में दहशत फैला दी है। शनिवार को तेंदुए के हमले में चार लोग घायल हो गए, जिनमें 6 वर्षीय बच्चा भी शामिल है। इसके अलावा, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तीन वन अधिकारी भी तेंदुए के आक्रमण का शिकार हो गए। इस घटना ने न केवल ग्रामीणों, बल्कि प्रशासन को भी चौकन्ना कर दिया है।सोमवार सुबह करीब 9:30 बजे तेंदुए को पहली बार गांव के पास देखा गया। कुछ ही देर में उसने हमला कर 30 वर्षीय व्यक्ति और 42 वर्षीय महिला को घायल कर दिया। इसके बाद दोपहर तक उसने 6 वर्षीय बच्चे और एक अन्य ग्रामीण को भी निशाना बनाया। सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तेंदुए ने वन विभाग के तीन अधिकारियों पर भी हमला किया। घायल अधिकारियों में एक 35 वर्षीय रेंजर, 28 वर्षीय वनपाल, और 40 वर्षीय वनकर्मी शामिल हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने लखनऊ से विशेष रेस्क्यू टीम बुलाई है। मौके पर ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है और जाल बिछाए गए हैं। अब तक 15 से अधिक वनकर्मी और पुलिस बल मौके पर मौजूद हैं।वन विभाग ने बताया कि तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तीन ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गांव के आसपास के क्षेत्रों में जाल बिछाए गए हैं।जिलाधिकारी डॉ. बी.के. सिंह और पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और सतर्क रहने की अपील की गई है।जिला प्रशासन ने पुष्टि की है कि तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा। वन विभाग की टीम ने उम्मीद जताई है कि रेस्क्यू ऑपरेशन अगले 24 घंटे के भीतर पूरा हो जाएगा।घटना के बाद ग्रामीणों में खौफ का माहौल है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि तेंदुए को पकड़ने के बाद इसे जंगल में छोड़ा जाए। बच्चों और बुजुर्गों को लेकर लोग खासे चिंतित हैं।वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि तेंदुओं का मानव बस्तियों में आना जंगलों की कमी और भोजन की तलाश का संकेत है। प्रशासन को दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान देना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।घटना ने प्रशासन और वन विभाग की तत्परता की परीक्षा ली है। सभी की नजरें अब इस ऑपरेशन के सफल होने पर टिकी हैं।
तेंदुए के हमले से बालक को बचाने में जिलाधिकारी ने दिखाई बहादुरी
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नूरपुर गांव में एक भयावह घटना के दौरान तेंदुए ने एक बच्चे पर हमला कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर साहसिक कदम उठाए। बच्चे को बचाने के लिए जिलाधिकारी ने अपनी जान की परवाह किए बिना तेंदुए को भगाया।जिलाधिकारी ने कहा, “जनता की सुरक्षा हमारी पहली जिम्मेदारी है। जब तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आता, हम यहां से नहीं हटेंगे।जिलाधिकारी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। जब तक तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता, तब तक हम डटे रहेंगे।वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है। इस घटना ने प्रशासन की तत्परता और साहस को उजागर किया है।