लखनऊ। बीते दिनों लखनऊ में एक बेटी के साथ टेंपो चालक और दो द्विवेदी भाइयों द्वारा बलात्कार का मामला सामने आने के बाद, मुख्यमंत्री ने इस घृणित घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी टेंपो वाहनों के सत्यापन के निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री के इस आदेश के तहत, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टेंपो सत्यापन अभियान आरंभ किया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी टेंपो वाहनों का सत्यापन कराने का आदेश दिया था, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
एआरटीओ औरैया सुधेश तिवारी ने मिलकर एक विशेष अभियान चलाया, जिसके दौरान दो दर्जन से अधिक संदिग्ध टेंपो चालकों और वाहनों पर कड़ी कार्यवाही की गई।
पुलिस और अन्य एजेंसियों की कार्रवाई: स्थानीय पुलिस और संबंधित विभागों ने टेंपो वाहनों की पंजीकरण, ड्राइवर की योग्यता तथा वैधता की जांच तेज कर दी है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी। प्रशासन ने बताया कि सत्यापन अभियान के दौरान टेंपो चालकों और उनके वाहन के पंजीकरण में किसी भी असामान्यता की जांच की जा रही है। यह कदम नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए उठाया गया है।
सरकारी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस अभियान के अंतर्गत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी और भविष्य में ऐसे किसी भी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी।