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Wednesday, June 18, 2025

‘सन ऑफ सरदार’ फेम एक्टर मुकुल देव का निधन

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नई दिल्ली: बॉलीवुड (Bollywood) के जाने-माने अभिनेता मुकुल देव (Mukul Dev) अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार की रात नयी दिल्ली में अभिनेता मुकुल देव का निधन 54 वर्ष की आयु में हो गया। उनके निधन (passes away) की खबर सामने आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। मुकुल देव पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा था। हालांकि, अभी तक उनकी मौत की वजह की पुष्टि नहीं हुई है। उनकी अचानक मौत की खबर से उनके चाहने वाले और करीबी साथी शोक में डूबे हैं।

दरअसल मुकुल देव ने साल 1996 में छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत की थी। उनका पहला टीवी शो ‘मुखदम’ था, जिसके बाद उन्होंने ‘कहानी घर घर की’, ‘प्यार जिंदगी है’ और ‘कहीं दिया जले कहीं जिया’ जैसे पॉपुलर शोज़ में काम किया। इसके अलावा मुकुल देव ने ‘सन ऑफ सरदार’,‘यमला पगला दीवाना’, ‘आर… राजकुमार’ , ‘किला’ ‘कोहराम’ और ‘जय हो’ जैसी कई फिल्मों में भी अहम भूमिकाएं निभाईं है। उन्होंने हिंदी के साथ ही पंजाबी, कन्नड़ , बंगाली, तेलुगू और मलयालम की 60 से अध‍िक फिल्मों में काम किया। आख‍िरी बार बड़े पर्दे पर मुकुल देव को 2022 में ‘अंत द एंड’ फिल्‍म में देखा गया था।

इस गंभीरता की जानकरी देने के लिए राहुल देव ने इंस्टाग्राम पर मुकुल देव की तस्वीर शेयर कर लिखा,हमें आपको यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि हमारे भाई मुकुल देव का कल रात नई दिल्ली में निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी बेटी सिया देव हैं। उनके भाई-बहन रश्मि कौशल, राहुल देव और उनके भतीजे सिद्धांत देव उन्हें बहुत याद करेंगे। उनका अंतिम संस्कार आज शाम 5 बजे होगा।”

मुकुल देव का जन्म 17 दिसंबर 1970 को नई दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके पिता हरी देव पुलिस में असिस्टेंट कमिश्नर थे। उन्होंने चंडीगढ़ में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स में पायलट की ट्रेनिंग ली थी। किस्मत को कुछ और मंजूर था और वह अभिनय की दुनिया में आ गये। मुकुल देव ने वर्ष 1996 में टीवी सीरियल मुमकिन से अपने करियर शुरू किया और वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म ‘दस्तक’ से बॉलीवुड में अपनी शुरूआत की।

मुकुल देव के असामयिक निधन पर अभिनेता मनोज बाजपेयी ने भी गहरा शोक जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- मैं जो महसूस कर रहा हूं उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मुकुल एक भाई की तरह थे। उनका जुनून और गर्मजोशी बेमिसाल थी। बहुत जल्द चले गए। उनके परिवार के लिए प्रार्थना करता हूं। ओम शांति।

 

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