यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। रामलीला के प्रथम चरण में श्री मधुराम लीला मंडल के बैनर तले शिव बारात नगर में भव्य रूप से निकाली गई, जिसने लोगों का दिल जीत लिया। बारात की भव्यता को नगरवासियों ने सराहा, और जगह-जगह भगवान शिव की आरती उतारकर प्रसाद का वितरण किया गया। शिवराज की सुंदरता और आकर्षण ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, जो भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नगर की सडक़ों पर निकली।
फर्रुखाबाद में रामलीला मंचन का एक ऐतिहासिक महत्व है। पहले रामलीला का आयोजन एक ही मंच पर हुआ करता था, जिसमें वरिष्ठ कलाकार जैसे दादा चंद्रशेखर शुक्ला, सच्चिदानंद, प्रभाकांत दुबे, अरुण प्रकाश तिवारी (ददुआ) और अन्य कलाकारों ने पूरी निष्ठा से श्री रामलीला का मंचन किया। लेकिन समय के साथ रामलीला का राजनीतिकरण हो गया, और दो अलग-अलग मंडल बने – श्री रामलीला मंडल, जो कांग्रेस से प्रभावित था, और आदर्श रामलीला मंडल, जिसकी स्थापना ज्ञानी चंद्रशेखर ने की थी।
रामलीला का मंचन सरस्वती भवन और भारतीय पाठशाला के मानस मंच पर होने लगा, जो लंबे समय तक चलती रही। हाल ही में एक और रामलीला मंडल स्थापित हुआ है, जिसे ‘मधुराम रामलीला मंडल’ के नाम से पहचाना जाता है। यह मंडल रामलीला के आयोजन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
हर वर्ष की तरह, इस बार भी मधुराम रामलीला मंडल ने शिव बारात का आयोजन किया, जो अपनी भव्यता से लोगों को आकर्षित कर रही है। शिव बारात रेलवे स्टेशन मंदिर से शुरू होकर नगर के विभिन्न बाजारों से गुजरी और रामलीला मंचन स्थल बीबी गंज पर पहुंचकर भगवान शिव और पार्वती के विवाह के साथ सम्पन्न हुई। रास्ते में जगह-जगह भगवान शिव की आरती हुई और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए थे।
शिव बारात का यह आयोजन नगर में धार्मिक उत्साह और परंपरा के प्रति सम्मान का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।