यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर फर्रुखाबाद। बिजली की समस्याओं को लेकर विद्युत कर्मचारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं या फिर इन जिम्मेदारियां को सही तरीके से निभाने में फेल हो रहे हैं।
शासनादेश जारी होता है और शहर तहसील क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों को रोस्टर के अनुसार बिजली देने के निर्देश भी दिए जाते हैं। परंतु इन शासनादेश की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा कागजी घोड़े दौडाये जाते हैं। सरकार के निर्देश पर विद्युत कॉरपोरेशन की बैठक में नए निर्देश जारी किए गए जिसमें दिखाया गया कि शहरी क्षेत्रों को 24 घंटे तहसील क्षेत्र को 21 घंटे 30 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे विद्युत सप्लाई की जाए। परंतु क्या इन निर्देशों का पालन सही ढंग से किया जाएगा और शासनादेश के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली मिल पाएगी। विद्युत विभाग अपने उच्च अधिकारियों को सप्लाई के जो आंकड़े जारी करता है वह पूरी तरीके से सफेद झूठ होते हैं। को गंगा पार क्षेत्र में बिजली सप्लाई के जो आंकड़े सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं।
पिछले दिनों तहसील उपकेंद्र की मशीनों में खराबी के चलते 12 घंटे से अधिक बिजली गुल रही। उत्तर प्रदेश सरकार अगर अपने शासनादेश पर अधिकारियों और कर्मचारियों से अमल करवाना चाहती है तो फिर उसे अपनी नई रूलिंग भी जारी करनी होगी। जिसके लिए या तो इन लापरवाह अधिकारियों की सैलरी कम की जाए अथवा इन्हें डिमोशन दिया जाए या फिर अन्य कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसी के साथ विभाग को चाहिए कि जो समस्याएं सामने आ रही हैं उन समस्याओं को भी दूर किया जाए।