नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा, आप हर दिन नए नारे गढ़ते हैं, लेकिन हमारे युवा अभी भी वास्तविक अवसरों का इंतजार कर रहे हैं। भारत को जिन करोड़ों नौकरियों की सख्त जरूरत है, उन्हें पैदा करने के लिए आपकी ठोस योजना क्या है, या यह सिर्फ एक और जुमला है?
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 2024 के चुनाव के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे युवाओं को रोजगार देने का वादा करते हुए बहुत धूमधाम से “रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन” योजना की घोषणा की। योजना की घोषणा किए हुए लगभग एक साल हो गया है, सरकार ने इसे परिभाषित भी नहीं किया है, और इसके लिए आवंटित ₹10,000 करोड़ वापस कर दिए हैं। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी को लेकर कितने गंभीर हैं।
उन्होंने आगे कहा, केवल बड़े कॉरपोरेट्स पर ध्यान केंद्रित करके, निष्पक्ष व्यापार की बजाय अपने साथियों को बढ़ावा देकर, उत्पादन की बजाय असेंबली को प्राथमिकता देकर और भारत के स्वदेशी कौशल की उपेक्षा करके नौकरियां पैदा नहीं की जा सकतीं। करोड़ों नौकरियां पैदा करने का तरीका एमएसएमई में बड़े पैमाने पर निवेश, निष्पक्ष बाजार जहां प्रतिस्पर्धा पनप सके, स्थानीय उत्पादन नेटवर्क के लिए समर्थन और सही कौशल से लैस युवाओं के माध्यम से है।
पीएम इन विचारों से सहमत नहीं होंगे। लेकिन मुझे उनसे सीधे पूछना चाहिए: प्रधानमंत्री जी, आपने बड़े दिखावे के साथ ईएलआई की घोषणा की-लेकिन यह ₹10,000 करोड़ की योजना कहां गायब हो गई? क्या आपने अपने वादों के साथ हमारे बेरोजगार युवाओं को छोड़ दिया है?आप हर दिन नए नारे गढ़ते हैं, लेकिन हमारे युवा अभी भी वास्तविक अवसरों का इंतजार कर रहे हैं। भारत को जिन करोड़ों नौकरियों की सख्त जरूरत है, उन्हें पैदा करने के लिए आपकी ठोस योजना क्या है, या यह सिर्फ एक और जुमला है? आप अपना ध्यान अडानी और अपने अरबपति दोस्तों को समृद्ध करने से हटाकर कब यह सुनिश्चित करने पर लगाएंगे कि हाशिए के समुदायों के युवाओं को रोजगार तक समान पहुंच मिले?
इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक और पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि, 2024 के लोकसभा चुनाव में हमने देश के युवाओं से ‘पहली नौकरी पक्की’ देने का वादा करते हुए ‘1 लाख रुपए वार्षिक अप्रेंटिसशिप’ की गारंटी दी थी। युवाओं के बेहतर भविष्य और बेरोजगारी से राहत दिलाने के लिए यह एक क्रांतिकारी योजना थी।
शायद मोदी सरकार को भी इसका अंदाज़ा था, इसलिए उसने हमारे घोषणा पत्र से नकल करते हुए ‘Employment Linked Incentive’ स्कीम की घोषणा की। लेकिन दुर्भाग्य देखिए, इस स्कीम से एक भी युवा को लाभ नहीं मिला, क्योंकि ₹10,000 करोड़ की राशि आवंटित करने के बावजूद बिना उपयोग के वापस कर दी गई। इससे एक बार फिर साफ होता है कि मोदी सरकार के लिए युवाओं का भविष्य कोई मायने नहीं रखता। जब देश में बेरोजगारी चरम पर है और युवा हताश हैं, तब भी सरकार की यह लापरवाही सिर्फ चौंकाने वाली ही नहीं, शर्मनाक भी है।