यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रुखाबाद। चुनाव के आते ही थाना पुलिस के द्वारा क्षेत्र के सभी लाइसेंस धारकों को नोटिस देकर शस्त्र जमा कर लिए जाते हैं। कहां जाता है कि चुनाव समाप्त होते ही सभी के असलहे मिल जाएंगे लेकिन थाना अमृतपुर में कुछ नई ही कहानी सामने आ रही है जिसमें देखा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को लगभग कई माह बीत गए हैं।
इसके बावजूद भी शस्त्र धारकों को लाइसेंसी राइफल बंदूक रिवाल्वर आदि नहीं दी जा रही है जिससे सभी शस्त्र धारक चिंतित बने हुए हैं। सूत्रों की माने तो कुछ शस्त्र धारकों का कहना है कि अगर किसी प्रकार की घटना हुई तो इस बात की जिम्मेदारी कौन उठेगा कई बार थाने के चक्कर लगा लिए लेकिन थाना कार्यालय के आगे वहां विवश हो जा रहे हैं। कार्यालय में बैठे हेड कांस्टेबल कहते हैं कि शस्त्र नहीं मिल पाएगा आप वापस चले जाइए मायूस होकर शस्त्र धारक वापस लौट रहे हैं।
बताया जा रहा है कि माल खाना इंचार्ज जितेंद्र का ट्रांसफर होने के बाद नए माल खाना इंचार्ज में अभी तक पूरा चार्ज नहीं संभाला जिससे लाखों रुपए से खरीदे हुए हथियार कबाड़ का रूप ले रहे हैं लेकिन इस बात पर कोई भी उच्च अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहा।
जिसमें असलहे धारियों ने बताया है कि उन्होंने यह हथियार अपनी आत्म सुरक्षा के लिए खरीदे थे ना कि थाने में कबाड़ बनाने के लिए। सूत्रों की माने तो इस समय थाने की हवा कुछ उल्टी बहती नजर आ रही है जिसमें थाना अध्यक्ष की पीठ पीछे हिस्से को लेकर आए दिन विवाद होते रहते हैं।