फर्रुखाबाद। शहर के लिए महत्वपूर्ण पांचाल घाट स्थित राम मनोहर लोहिया सेतु पर किया गया नवीनीकरण कार्य अब खतरे का सबब बनता जा रहा है। करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद जब पुल को यातायात के लिए खोला गया, तो महज एक सप्ताह के भीतर ही उसकी हालत फिर पहले जैसी हो गई। जगह-जगह गड्ढे और दरारें उभर आई हैं, जो किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकती हैं।
बरेली-इटावा हाईवे पर स्थित यह पुल आवागमन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिछले कई वर्षों से इसकी जर्जर स्थिति को लेकर जनता और जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार सुंदरीकरण व मरम्मत की मांग की जा रही थी। विभाग ने इस पर काम भी शुरू कराया, और इस दौरान आवागमन को रोक दिया गया था, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
हालांकि उम्मीद थी कि लंबे इंतजार के बाद अब एक मजबूत और सुरक्षित मार्ग मिलेगा, लेकिन नवनिर्मित पुल की परतें कुछ ही दिनों में उधड़ने लगीं। सड़क पर बने गड्ढे और दरारें फिर सामने हैं, जिससे साफ संकेत मिलता है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की भारी कमी रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी पुल की स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार और संबंधित विभाग ने मिलकर घटिया निर्माण कार्य कराया है। लोग निर्माण कार्य की जांच और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
“दो महीने तक यातायात रोका गया, लेकिन मिला क्या?” – स्थानीय व्यापारी ने कहा “अगर जल्द सुधार नहीं हुआ, तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है” – रोज़ाना आवागमन करने वाले छात्र
जनता ने जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग से अपील की है कि निर्माण कार्य की तकनीकी जांच कराई जाए और दोषी ठेकेदारों व अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जाए।