यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। पूर्णिमा के श्राद्ध के साथ गुरुवार से पितृपक्ष का शुभारंभ हो गया। इस अवसर पर पांचाल घाट के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जहां उन्होंने स्नान किया और पितरों का पूजन व तर्पण किया। पितृपक्ष के 16 दिनों तक पूर्वजों की आत्मशांति के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करने का विधान है।
गुरुवार को पहले श्राद्ध के अवसर पर लोगों ने पितरों का तर्पण किया। गंगातट पर स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। श्रद्धालु कार, जीप, ट्रैक्टर, बाइकों और पैदल घाट पर पहुंचे और तडक़े से ही स्नान करने में जुट गए। पांचाल घाट पर आचार्य प्रदीप कुमार शुक्ल सहित अन्य आचार्यों ने तर्पण कराया।
सनातन मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है। इस अवधि में पितरों को याद करने के लिए तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध कर्म जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। वायु पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, और विष्णु पुराण सहित अन्य शास्त्रों में भी श्राद्ध के महत्व का वर्णन किया गया है। पितरों की आत्म तृप्ति से व्यक्ति पितृ दोष से मुक्त होता है। इस वर्ष पितृपक्ष 18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगा।
पितृपक्ष शुरू, श्राद्ध पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया पितृ आव्हान
