27 C
Lucknow
Monday, September 9, 2024

नजूल संपत्ति विधेयक पर विवाद: करीब ढाई करोड़ लोग बेघर होने की आशंका, सपा का पुरजोर विरोध

Must read

यूथ इंडिया संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नजूल जमीन के मुद्दे पर योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति विधेयक विधानसभा में पास होने के बाद विधान परिषद में अटक गया। इस विधेयक का विरोध सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने भी किया, जिसके कारण सरकार को मुश्किल का सामना करना पड़ा।
सपा का पुरजोर विरोध:समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया। सपा ने स्पष्ट किया कि अगर यह विधेयक लागू हुआ तो करीब ढाई करोड़ लोग बेघर हो जाएंगे।
विधानसभा में बहुमत, फिर भी विधान परिषद में अटका:यह पहली बार हुआ जब दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत के बावजूद विधेयक पास होने के बाद विधान परिषद में अटक गया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी इस विधेयक का विरोध किया, जो आगामी उप-चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव में वोट बैंक के नुकसान की आशंका के कारण था।
नजूल जमीन का मुद्दा:*नजूल जमीन की समस्या पर सत्ता और विपक्ष का एक स्वर में विरोध करना एक महत्वपूर्ण विषय है। सरकार ने आखिरकार इस बिल को प्रवर समिति को भेजने का निर्णय लिया।
नजूल जमीन का विवरण: एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 27 हजार हेक्टेयर से अधिक नजूल भूमि है। प्रमुख शहरों में प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और आगरा शामिल हैं, जहां नजूल भूमि पर बड़े पैमाने पर लोग निवास करते हैं।
बिल का विरोध क्यों: विधेयक के विरोध का बड़ा कारण यह है कि अगर इसे लागू किया गया तो करीब ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों से उनके मकान, दुकान और प्रतिष्ठान छिन जाएंगे। इसके चलते विरोध की लहर उठी है। इस विधेयक का उद्देश्य और इसके संभावित प्रभाव को देखते हुए, यह देखना होगा कि सरकार आगे किस प्रकार की रणनीति अपनाती है। सपा और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।
आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को देखते हुए, यह विवाद भाजपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। सपा और अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। नजूल जमीन का मुद्दा सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जीविका और भविष्य का सवाल है। इस पर सरकार और विपक्ष दोनों को सोच-समझकर निर्णय लेना होगा। आगामी चुनावों में इस मुद्दे का असर स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकता है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article