यूथ इंडिया संवाददाता
बरेली। सादगी और सरलता के प्रतीक, आठ बार के सांसद और केंद्र सरकार में चार बार मंत्री रहे संतोष गंगवार का जीवन वीवीआईपी कल्चर से हमेशा दूर रहा है। बरेली के लोग उन्हें सडक़ों पर सामान्य नागरिक की तरह बाइक पर घूमते देख चुके हैं। परंतु, अब उनके झारखंड के गर्वनर बनने के बाद बरेली ने उन्हें एक नए अंदाज में देखा। शनिवार रात से रविवार शाम तक बरेली की सडक़ों पर महामहिम का जलवा नजर आया। उनके साथ बीस से ज्यादा गाडिय़ों का काफिला था और प्रोटोकॉल के चलते हर चौराहे पर अफसर और रंगरूट हाथ बांधे खड़े थे।
कलेक्ट्रेट से लेकर विकास भवन तक अफसरों का हुजूम
गवर्नर बनने के बाद संतोष गंगवार पहली बार बरेली आए। उनके स्वागत में भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य, मेयर उमेश गौतम, विधायक संजीव अग्रवाल, जिलाध्यक्ष पवन शर्मा, आदेश प्रताप सिंह, अधीर सक्सेना, भाजयुमो अध्यक्ष अमन सक्सेना समेत कई नेता मौजूद थे। उनके घर पहुंचते ही आतिशबाजी का आयोजन किया गया और भारत सेवा ट्रस्ट पर जश्न का माहौल बन गया।
प्रोटोकॉल का पालन
पहले प्रोटोकॉल की परवाह किए बगैर डीएम और एसएसपी के आवास पर जाने वाले संतोष गंगवार अब गवर्नर बनने के बाद प्रोटोकॉल के साथ चले। सर्किट हाउस से लेकर कलेक्ट्रेट तक अफसरों का हुजूम उनके स्वागत के लिए तैयार था।
बेटी के साथ राजनीतिक लांचिंग की शुरुआत
गवर्नर संतोष गंगवार ने अफसरों के साथ बैठक के बाद विकास भवन सभागार में झारखंड के गठन से लेकर अब तक के इतिहास और संस्कृति पर चर्चा की। इस दौरान उनकी बेटी श्रुति गंगवार हर कदम पर उनके साथ रहीं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अब वह अपनी बेटी की राजनीतिक लांचिंग की तैयारी कर रहे हैं। इस जश्न के माहौल में बरेली के पांच से ज्यादा कद्दावर भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही। सोशल मीडिया पर भी उनके द्वारा कोई बधाई संदेश नहीं दिया गया। इस भव्य स्वागत समारोह से यह स्पष्ट हो गया कि संतोष गंगवार बरेली की राजनीति में अब भी महत्वपूर्ण धुरी बने हुए हैं। उनके इस नए रूप और कलेवर को देखकर बरेली के लोगों ने उन्हें बधाई दी और उनके नेतृत्व में भविष्य की संभावनाओं को लेकर उत्साहित दिखे।
महामहिम संतोष गंगवार का बरेली में भव्य स्वागत, सादगी से बने राजनेता से महामहिम तक की कहानी
