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Friday, March 28, 2025
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अमेरिका में भारतीय छात्रों पर ट्रंप प्रशासन की सख्ती: वीज़ा रद्द होने का खतरा

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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई आव्रजन नीतियों के तहत, अमेरिका में अध्ययनरत भारतीय छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। ट्रंप प्रशासन अवैध अप्रवासियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले विदेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है, जिससे भारतीय छात्रों पर भी वीज़ा रद्द होने और देश से निष्कासन का खतरा मंडरा रहा है।

ट्रंप प्रशासन ने विशेष रूप से उन विदेशी छात्रों के वीज़ा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है, जो हमास समर्थक गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। अप्रैल-मई 2024 के दौरान, न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी में गाजा युद्ध के खिलाफ हुए छात्र प्रदर्शनों के बाद, प्रशासन ने ऐसे छात्रों की सूची तैयार कर उनके वीज़ा रद्द करने का निर्णय लिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका में अध्ययनरत भारतीय छात्रों को अमेरिकी कानूनों का पूर्ण पालन करने और किसी भी अवैध या संदिग्ध गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है। यदि किसी छात्र को किसी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उन्हें तुरंत भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास से संपर्क करना चाहिए।

ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियों के कारण, कई भारतीय छात्र अमेरिका छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, कोलंबिया यूनिवर्सिटी की छात्रा रंजनी श्रीनिवासन ने अमेरिका में संभावित निष्कासन के डर से 11 मार्च को देश छोड़कर कनाडा में शरण ली।
ट्रंप प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी कड़ा कदम उठाते हुए, यहूदी छात्रों के उत्पीड़न को रोकने में विफल रहने के आरोप में विश्वविद्यालय से 400 मिलियन डॉलर (लगभग 33 अरब रुपये) का अनुदान रद्द कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्वविद्यालयों को चेतावनी दी है कि यदि वे विरोध-प्रदर्शनों पर काबू नहीं पाते हैं, तो उन्हें संघीय वित्तीय सहायता से वंचित किया जा सकता है।

इन नीतियों के चलते, अमेरिका में अध्ययनरत भारतीय छात्रों को अत्यधिक सतर्क रहने और सभी स्थानीय कानूनों का पालन करने की आवश्यकता है, ताकि वे किसी भी अप्रिय स्थिति से बच सकें।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी, 5 संदिग्ध घिरे

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कठुआ। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है। कठुआ के जुथाना के अंबा नाल इलाके में पांच संदिग्ध आतंकियों को घेर लिया गया है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को सील कर दिया है, और पिछले दो घंटे से दोनों ओर से भारी गोलीबारी चल रही है।
सूत्रों के मुताबिक, ये संदिग्ध आतंकी उज्ज दरिया से सुफैन होते हुए कठुआ पहुंचे थे। स्थानीय खुफिया एजेंसियों की सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की और संदिग्धों की तलाश शुरू की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
मुठभेड़ को देखते हुए कठुआ और आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षाबलों ने आम जनता को घरों में रहने की सलाह दी है। सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। आतंकियों की सही संख्या और उनके संगठन से जुड़े होने की पुष्टि की जा रही है। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन को तेजी से अंजाम देने की रणनीति बनाई है।

लखनऊ में बेटी के साथ बलात्कार के मामले पर मुख्यमंत्री के आदेश पर टेंपो सत्यापन अभियान तेज

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लखनऊ। बीते दिनों लखनऊ में एक बेटी के साथ टेंपो चालक और दो द्विवेदी भाइयों द्वारा बलात्कार का मामला सामने आने के बाद, मुख्यमंत्री ने इस घृणित घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी टेंपो वाहनों के सत्यापन के निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री के इस आदेश के तहत, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टेंपो सत्यापन अभियान आरंभ किया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी टेंपो वाहनों का सत्यापन कराने का आदेश दिया था, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

एआरटीओ औरैया सुधेश तिवारी ने मिलकर एक विशेष अभियान चलाया, जिसके दौरान दो दर्जन से अधिक संदिग्ध टेंपो चालकों और वाहनों पर कड़ी कार्यवाही की गई।

पुलिस और अन्य एजेंसियों की कार्रवाई: स्थानीय पुलिस और संबंधित विभागों ने टेंपो वाहनों की पंजीकरण, ड्राइवर की योग्यता तथा वैधता की जांच तेज कर दी है।

घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी। प्रशासन ने बताया कि सत्यापन अभियान के दौरान टेंपो चालकों और उनके वाहन के पंजीकरण में किसी भी असामान्यता की जांच की जा रही है। यह कदम नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए उठाया गया है।

सरकारी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस अभियान के अंतर्गत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी और भविष्य में ऐसे किसी भी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी की चिट्ठी: “हमारे संबंधों की नींव है बलिदान”

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नई दिल्ली। बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के प्रमुख अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को एक प्रेरणादायक चिट्ठी लिखकर बधाई दी। इस चिट्ठी में मोदी जी ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश की मुक्ति संग्राम में किए गए बलिदान ही भारत-बांग्लादेश संबंधों की नींव हैं, जो आज भी द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूती प्रदान करते हैं।

पीएम मोदी ने बताया कि बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान दिए गए बलिदानों ने न केवल देश की आज़ादी की राह प्रशस्त की, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की नींव भी रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि किस प्रकार साझा संघर्ष और बलिदान ने भारत और बांग्लादेश के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को जन्म दिया।

मोदी ने आगे कहा कि दोनों देशों का सहयोग आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छुएगा, जिससे क्षेत्रीय शांति और समृद्धि सुनिश्चित होगी।

इस चिट्ठी के माध्यम से प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीदों के बलिदान को सम्मानित किया और यह स्पष्ट किया कि यह साझा इतिहास ही हमारे संबंधों का आधार है। मोदी जी का यह संदेश न केवल वर्तमान चुनौतियों के बीच प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि यह भविष्य में द्विपक्षीय सहयोग के नए अध्याय की भी ओर इशारा करता है।

दिल्ली के व्यापारी की दर्दनाक कहानी: कर्ज का ब्याज बढ़कर 10 लाख, दबाव में दी जान

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Suicide
Suicide

नई दिल्ली। 2014 में बिना अपने परिवार को बताए, एक दिल्ली के व्यापारी ने एक फाइनेंसर से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था। उस समय मामूली ब्याज दर पर लिया गया यह कर्ज धीरे-धीरे अपने दुष्परिणाम दिखाने लगा। 11 साल बाद, ब्याज में चक्रवृद्धि से कुल देनदारी बढ़कर 10 लाख रुपये तक पहुँच गई। इस असहनीय आर्थिक दबाव के कारण व्यापारी की मानसिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा।

प्रारंभिक कर्ज और ब्याज वृद्धि:

व्यापारी ने 2014 में आर्थिक जरूरतों के चलते फाइनेंसर से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था। समय के साथ ब्याज दर में वृद्धि हुई और ब्याज का चक्रवृद्धि प्रभाव देखते ही देखते कुल कर्ज 10 लाख रुपये तक पहुँच गया, जिससे व्यापारी पर अत्यधिक वित्तीय दबाव पड़ने लगा।

बढ़ते ब्याज के साथ-साथ फाइनेंसर द्वारा लगातार नोटिस और दबाव ने व्यापारी की मानसिक स्थिति को और बिगाड़ दिया। आर्थिक शोषण और मानसिक दबाव ने उसे ऐसी स्थिति में ला दिया कि उसने अपनी जान लेने का निश्चय कर लिया।

सुसाइड से ठीक पहले, व्यापारी ने दो वीडियो रिकॉर्ड किए, जिनमें उसने अपनी आंतरिक पीड़ा, आर्थिक संकट और फाइनेंसर के दबाव का खुलासा किया। इन वीडियो में उसने मदद की पुकार करते हुए अपनी असहनीय स्थिति को बयान किया।

इस दर्दनाक घटना ने समाज में हलचल मचा दी है। कई विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ऐसे मामलों में छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए मजबूत नीतियाँ बनाने की मांग की है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि फाइनेंसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में इस प्रकार के वित्तीय शोषण को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान ने बेटी का नाम ‘हिंद’ रखा

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दुबई। दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने अपनी नवजात बेटी का नाम ‘हिंद’ रखा है, जो उनकी मां शेखा हिंद बिंत मकतूम बिन जुमा अल मकतूम के सम्मान में है।

‘हिंद’ नाम का अरब और इस्लामी परंपराओं में गहरा सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व है। यह नाम शक्ति, समृद्धि और विरासत का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन समय में ‘हिंद’ समृद्धि और धन का प्रतीक था, और इस नाम को रखने से दृढ़ता, सहनशीलता और संपन्नता जैसे गुणों का संकेत मिलता था।

इस्लामी इतिहास में ‘हिंद’ नाम की एक प्रमुख हस्ती हिंद बिंत उतबा थीं, जो मक्का में कुरैश जनजाति के एक प्रमुख नेता अबू सुफियान की पत्नी थीं। वह उहुद की लड़ाई में अपनी भूमिका के लिए जानी जाती हैं और बाद में इस्लाम धर्म अपनाकर मुस्लिम समुदाय का समर्थन करने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाई।

आज भी अरब देशों में ‘हिंद’ नाम बहुत लोकप्रिय है, जो इतिहास, शक्ति और स्त्रीत्व का सुंदर समावेश प्रस्तुत करता है। यह नाम साहस, नेतृत्व और कुलीनता का प्रतीक माना जाता है, और पारंपरिक मूल्यों से जुड़ाव को दर्शाता है।
शेख हमदान द्वारा अपनी बेटी का नाम ‘हिंद’ रखना न केवल उनकी मां के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह अरब संस्कृति और परंपराओं के प्रति उनकी गहरी आस्था को भी दर्शाता है।