वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई आव्रजन नीतियों के तहत, अमेरिका में अध्ययनरत भारतीय छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। ट्रंप प्रशासन अवैध अप्रवासियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले विदेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है, जिससे भारतीय छात्रों पर भी वीज़ा रद्द होने और देश से निष्कासन का खतरा मंडरा रहा है।
ट्रंप प्रशासन ने विशेष रूप से उन विदेशी छात्रों के वीज़ा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है, जो हमास समर्थक गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। अप्रैल-मई 2024 के दौरान, न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी में गाजा युद्ध के खिलाफ हुए छात्र प्रदर्शनों के बाद, प्रशासन ने ऐसे छात्रों की सूची तैयार कर उनके वीज़ा रद्द करने का निर्णय लिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका में अध्ययनरत भारतीय छात्रों को अमेरिकी कानूनों का पूर्ण पालन करने और किसी भी अवैध या संदिग्ध गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है। यदि किसी छात्र को किसी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उन्हें तुरंत भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास से संपर्क करना चाहिए।
ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियों के कारण, कई भारतीय छात्र अमेरिका छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, कोलंबिया यूनिवर्सिटी की छात्रा रंजनी श्रीनिवासन ने अमेरिका में संभावित निष्कासन के डर से 11 मार्च को देश छोड़कर कनाडा में शरण ली।
ट्रंप प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी कड़ा कदम उठाते हुए, यहूदी छात्रों के उत्पीड़न को रोकने में विफल रहने के आरोप में विश्वविद्यालय से 400 मिलियन डॉलर (लगभग 33 अरब रुपये) का अनुदान रद्द कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्वविद्यालयों को चेतावनी दी है कि यदि वे विरोध-प्रदर्शनों पर काबू नहीं पाते हैं, तो उन्हें संघीय वित्तीय सहायता से वंचित किया जा सकता है।
इन नीतियों के चलते, अमेरिका में अध्ययनरत भारतीय छात्रों को अत्यधिक सतर्क रहने और सभी स्थानीय कानूनों का पालन करने की आवश्यकता है, ताकि वे किसी भी अप्रिय स्थिति से बच सकें।