भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुँचाने का काम करता है। लेकिन इतनी विशाल प्रणाली में सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हाल ही में मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर हुई घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा और यात्रियों की जागरूकता की गंभीरता को उजागर किया है। एक युवक, जो प्लेटफॉर्म पर खड़ी महानंदा एक्सप्रेस की छत पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था, 25,000 वोल्ट के हाई वोल्टेज ओवरहेड तार (OHE) की चपेट में आ गया। इससे वह बुरी तरह झुलस गया और ट्रेन की छत से नीचे गिर गया। इस हादसे ने न केवल रेलवे की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यात्रियों की लापरवाही और असावधानी को भी उजागर किया है।
भारतीय रेलवे के विद्युतीकरण में ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर (OHE) की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। यह प्रणाली 25,000 वोल्ट की उच्च क्षमता वाली बिजली प्रवाहित करती है, जो ट्रेनों को सुचारू रूप से चलाने में सहायक होती है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति इन तारों के संपर्क में आ जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब किसी ने ट्रेन की छत पर चढ़कर अपनी जान जोखिम में डाली हो। रेलवे प्रशासन बार-बार यात्रियों से अपील करता है कि वे ओवरहेड तारों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।
कई बार युवा रोमांच के चक्कर में रेलवे की छतों पर चढ़ने की कोशिश करते हैं। कुछ मामलों में वे सेल्फी लेने या वीडियो बनाने के प्रयास में भी हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आ जाते हैं। सोशल मीडिया पर ‘थ्रिल’ के नाम पर स्टंट करने की प्रवृत्ति बढ़ी है, जिससे रेलवे सुरक्षा से जुड़े गंभीर हादसे हो रहे हैं।
इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों से आए कई यात्री इन तारों के खतरों से परिचित नहीं होते। उन्हें लगता है कि ये तार साधारण बिजली के तारों की तरह हैं, लेकिन 25,000 वोल्ट की बिजली से गुजरना किसी भी इंसान के लिए घातक साबित होता है।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगातार निगरानी रखते हैं, लेकिन पूरे देश में फैले रेलवे नेटवर्क के हर कोने पर नजर बनाए रखना मुश्किल है। रेलवे प्रशासन ने कई बार चेतावनी संकेत, लाउडस्पीकर घोषणाएँ और पोस्टर लगाकर यात्रियों को जागरूक करने की कोशिश की है। लेकिन लोग अक्सर इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं।
रेलवे के कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय हैं:
जैसे रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को सतर्क करने के लिए लगातार घोषणाएँ की जाती हैं। प्रमुख स्टेशनों पर सुरक्षा कर्मी गश्त करते हैं और असुरक्षित गतिविधियों पर नजर रखते हैं।अब अधिकतर रेलवे स्टेशनों पर निगरानी कैमरे लगे हुए हैं, जिससे असामान्य गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। कुछ स्टेशनों पर हाई वोल्टेज तारों के नजदीक जाते ही अलार्म बजने वाली तकनीक विकसित की जा रही है। भारतीय रेलवे अधिनियम के तहत ट्रेन की छत पर चढ़ना अवैध है और इस पर कठोर दंड का प्रावधान है।
लेकिन, ये उपाय तब तक प्रभावी नहीं होंगे जब तक यात्री खुद अपनी सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेंगे।
रेलवे प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देशभर में OHE तारों से झुलसने के 52 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 21 लोगों की मौत हुई और 31 गंभीर रूप से घायल हुए। ये आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं कि यात्रियों को रेलवे सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क होने की जरूरत है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इन घटनाओं का मुख्य कारण यात्रियों की लापरवाही और जागरूकता की कमी है। कई मामलों में देखा गया है कि यात्री जानबूझकर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हैं, जिससे वे खुद को और दूसरों को खतरे में डालते हैं।
रेलवे सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सुझाव दिए हैं कि, ट्रेन की छत पर चढ़ने वाले लोगों पर कठोर दंड लगाया जाए। जुर्माने की राशि को बढ़ाकर एक ठोस उदाहरण पेश किया जाए। खासकर युवाओं को यह समझाने की जरूरत है कि ट्रेन की छत पर चढ़ना जानलेवा हो सकता है। रेलवे को सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक स्तर पर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके स्वचालित चेतावनी सिस्टम लागू किए जाएँ, जिससे कोई भी व्यक्ति जब ट्रेन की छत पर चढ़ने की कोशिश करे तो तुरंत अलर्ट मिले।हर यात्री को खुद भी जागरूक बनना होगा और दूसरों को भी सतर्क करने की जिम्मेदारी लेनी होगी।
रेलवे सुरक्षा सिर्फ रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना होगा। हाई वोल्टेज तारों से जुड़े हादसे किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय हैं। यह आवश्यक है कि हर व्यक्ति सुरक्षा नियमों का पालन करे और दूसरों को भी जागरूक करे, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
मिर्जापुर रेलवे स्टेशन की घटना एक चेतावनी है कि यदि सुरक्षा उपायों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोहराई जाती रहेंगी। जरूरत है कि हम सभी मिलकर रेलवे सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और अपने जीवन को सुरक्षित बनाएँ।