यूथ इंडिया (प्रशांत कटियार)
फर्रुखाबाद। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), जो केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, फर्रुखाबाद में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। लगातार बारिश के बीच फर्जी तरीके से श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज कर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। विकास खंडों में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों रुपये का भुगतान बिना काम कराए ही हो रहा है।
बुधवार से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है, जिससे लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। लेकिन, इसके बावजूद मनरेगा योजना के तहत मजदूरों की हाजिरी फर्जी तरीके से लगाई जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल कर श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है और कार्य स्थल पर कोई काम नहीं हो रहा है।
शिकायत मिलने पर उच्च अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लिया है, जिससे जिम्मेदारों में हडक़ंप मचा हुआ है। मोहम्मदाबाद, कमालगंज, बढ़पुर, कायमगंज, नवाबगंज और राजेपुर के विभिन्न इलाकों में सैकड़ों श्रमिकों की हाजिरी दर्ज की गई है, जबकि इन क्षेत्रों में कोई वास्तविक कार्य नहीं हो रहा। ग्रामीणों ने इस फर्जीवाड़े की लोकपाल से जांच कराने की मांग की है। मनरेगा परियोजनाओं में तकनीकी सहायक बिना स्थल पर जाए, ऑफिस में बैठे-बैठे ही कार्यों की फाइलें तैयार कर रहे हैं और भुगतान के लिए भेज रहे हैं। इस तरह सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है। शासन द्वारा हर वर्ष ऑडिट की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसमें भी भ्रष्टाचार हो रहा है, जहां ऑडिट अधिकारी मामूली रिश्वत लेकर मामलों को सही ठहरा देते हैं।
अब देखना यह है कि इस मामले में कोई कार्रवाई होती है या मनरेगा योजना इसी तरह भ्रष्टाचार का शिकार बनी रहेगी। ग्रामीणों की उम्मीदें अब शासन से हैं कि इस भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।